Raipur Police's Accused : गैरजमानती धाराओं का आरोपी शोएब जेल में बंद पिता के लिए करता रहा भागदौड़

Raipur Police’s Accused : गैरजमानती धाराओं का आरोपी शोएब जेल में बंद पिता के लिए करता रहा भागदौड़

Raipur Police's Accused :

Raipur Police's Accused :

अवैध उगाही, छेड़छाड़ और मारपीट की धाराओं में दर्ज है शोएब पर सिविल लाइन थाना में FIR

रायपुर/नवप्रदेश। Raipur Police’s Accused : सैकड़ों करोड़ के लिकर स्केम मामले में मेरठ पुलिस के शिकंजे में फंसे पिता अनवर ढेबर के लिए जेल से कोर्ट परिसर तक में भागदौड़ करने वालों में बेटा शोएब ढेबर को देखकर पुलिस और मीडिया दोनों ही हतप्रभ रह गई। दो दिन पहले ही हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद अनवर ढेबर की आज रिहाई होनी थी। लेकिन रिहाई से पहले उसे नकली होलोग्राम मामले में गिरफ्तार कर साथ ले जाने के लिए यूपी पुलिस की टीम पहुँच गई थी। ऐसे में अपने पिता को यूपी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ने देने के लिए शोएब ढेबर जेल से लेकर जिला कोर्ट तक में भागदौड़ करते दिखा।

चौंकाने वाली बात यह है कि शोएब ढेबर खुद सिविल लाइन थाना पुलिस का गैरजमानती धारा में दर्ज FIR का आरोपी है। उस पर और उसके भाई जुनैद ढेबर पर अवैध उगाही, छेड़छाड़ और मारपीट की विभिन्न धाराओं में सिविल लाइन थाने में 29 मई से मामला दर्ज है। ऐसे में जेल से लेकर कोर्ट तक रायपुर पुलिस के सामने वह बेख़ौफ़ घूमता रहा।

शोएब एक्टिवा से जेल और कोर्ट के चक्कर लगता दिखा तो दूसरा भाई जुनैद कार में बैठा रहा। बता दें कि दोनों पर 29 मई की रात को प्रार्थी इमरान ने सिविल लाइन थाने पहुँच कर शोएब ढेबर, अनवर ढेबर और जुनैद ढेबर के खिलाफ FIR दर्ज करवाया था। आरोप है कि एक महिला सहकर्मी को इमरान पर दबाव डाल कर ढेबर परिवार के द्वारा लगातार परेशान करने और महिला के मोबाइल को भी स्टॉक कर उसके साथ छेड़छाड़ की शिकायत की गई है।

आमतौर पर गैरजमानती धाराओं में अपराध दर्ज किया जाता है तो तत्काल उसकी गिरफ़्तारी कर आरोपी को न्यायलय के समक्ष पेश किया जाता है और मामले की गंभीरता को देखते हुए अधिकतर प्रकरणों में कोर्ट आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज देता है और पुलिस को साक्ष्य इकठ्ठा करने के लिए न्यायला 60 से 90 दिनों तक की समय अवधी प्रदान करता है।

FIR में जल्दबाजी, जांच में कोताही

थाना सिविल लाइन में जितनी रफ़्तार से पुलिस ने ढेबर परिवार पर FIR दर्ज करने की जल्दबाजी दिखाई उससे लग रहा था कि गिरफ़्तारी भी उसी स्पीड से होगी। बता दें की गैरजमानती धाराएं लगाई गई हैं। मामले में सवाल करने पर थाना प्रभारी का जवाब भी काम चौंकाने वाला नहीं था।

सिविल लाइन थाना प्रभारी रोहित मालेकर का कहना है की आरोपियों के खिलाफ अब तक हमारे हाथ कोई ठोस सबूत नहीं लगे हैं। मामला तकनिकी छानबीन का है जिसके लिए हमने साइबर सेल को भी पत्र लिखा है। जैसे ही हमारे पास पर्याप्त सबूत हो जायेंगे तत्काल आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।

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