Raipur Municipal Corporation : रायपुर में 100 वार्ड गठित होते ही महानगर पालिका का रास्ता होगा साफ़

Raipur Municipal Corporation : रायपुर में 100 वार्ड गठित होते ही महानगर पालिका का रास्ता होगा साफ़

Raipur Municipal Corporation :

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रायपुर नगर निगम के लिए 70 वार्डों में इस बार भी चुनाव की पूरी उम्मीद, परिसीमन शुरू पर चुनाव 70 वार्डों में ही होगा

रायपुर/नवप्रदेश। Raipur Municipal Corporation : राजधानी रायपुर को महानगर पालिका में तब्दील करने का मामला शासन में अब भी विचाराधीन है। महानगर पालिका का रास्ता साफ़ है जो संभवतयः शासन द्वारा 100 वार्ड का गठन करने के पश्चात् ही घोषित किया जायेगा। बता दें कि इस दफा भी रायपुर नगर निगम के लिए होने वाला निकाय चुनाव पूर्व की तरह ही 70 वार्डों में होने की संभावना है। हालांकि रायपुर में वार्डों का परिसीमन प्रारंभ हो गया है, लेकिन रायपुर में वार्डों की संख्या या सीमा भी नहीं बढ़ेगी।

बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने दो दिन पहले दिल्ली में बजट पूर्व बैठक में रायपुर, नवा रायपुर, भिलाई और दुर्ग को मिलाकर ग्रेटर रायपुर कांसेप्ट के लिए फंड मांगा है। अगर बजट में यह फंड मंजूर हो जाता है, तब ग्रेटर रायपुर बनाने की दशा में रायपुर को महानगर निगम में तब्दील किया जायेगा।

खबरों के मुताबिक रायपुर में वार्ड बढ़ाने और महानगर निगम बनाने की संभावनाओं पर मंथन हुआ है, और अभी यह स्थिति नजर नहीं आ रही है। वजह ये है कि राजधानी रायपुर में स्थायी जनसंख्या उतनी नहीं है, फ्लोटिंग पापुलेशन ज्यादा है। ऐसे में यह मान सकते हैं कि रायपुर नगर निगम में इस बार भी 70 वार्डों के चुनाव ही होंगे।

इन बिंदुओं से समझें महानगर का गणित

0 पांच साल में रायपुर में आउटर के कई गांवों को जोड़कर वार्ड बढ़ाए जा चुके हैं
0 शामिल गांवों में अब तक शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करवाने की कवायद
0 रायपुर, नवा रायपुर, भिलाई और दुर्ग को मिलाकर ग्रेटर रायपुर कांसेप्ट
0 अगर बजट में फंड मंजूर हो जाता है, तब ग्रेटर रायपुर लेगा स्वरुप
0 रायपुर को महानगर निगम में तब्दील किया जा सकता है पर अभी वक्त है
0 इंदौर, भोपाल की 40-50 लाख की अपेक्षा रायपुर में स्थायी जनसंख्या उतनी नहीं

पार्षद नहीं शहरी वोटर्स चुनेंगे महापौर

मेयर का चुनाव पार्षदों से करने के बजाय डायरेक्टर चुनाव की प्रक्रिया से किया जाए। वजह ये है कि पार्षद अगर मेयर चुनते हैं तो खरीद-फरोख्त जैसी कई तरह की अफवाहें फैलती हैं। जबकि डायरेक्ट चुनाव में ऐसा नहीं है क्योंकि शहरी मतदाता अपनी पसंद से मेयर चुनता है। शहर के लोग पार्षद और मेयर के लिए एक ही दिन एक साथ वोट दे सकते हैं और वोटों की गिनती के बाद नतीजे भी एक साथ आते हैं। साय शासन इस नियम को बदलने के लिए तत्पर है जिसे पूरवर्ती भूपेश सरकार ने बदला था।

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