प्रदेश में अब तक 13 हजार 767 क्विंटल साल बीज का संग्रहण
- जिला यूनियन सहकारी समितियों को 2.76 करोड़ रूपए पारिश्रमिक राशि स्थानांतरित
रायपुर। प्रदेश में साल बीज का संग्रहण प्रारंभ हो चुका है। इस वर्ष साल बीज संग्रहण का लक्ष्य 2 लाख 64 हजार 550 क्विंटल रखा गया है। अब तक 13 हजार 767 क्विंटल साल बीज का संग्रहण हो चुका है। संग्राहकों को छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ द्वारा जिला यूनियन को 2.76 करोड़ रूपए पारिश्रमिक राशि दिए जा चुके हैं। जिसे प्राथमिक लघु वनोपज समितियों द्वारा संग्राहकों के खातों में स्थानांतरित किया जा रहा है। वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने पारिश्रमिक राशि समय पर देने के निर्देश दिए हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ के प्रबंध निदेशक श्री राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि राज्य शासन ने इस वर्ष राज्य में 15 लघुवनोपजों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का निर्णय लिया है। भारत सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत वर्ष 2019 में साल बीज का 20 रूपए प्रति किलो निर्धारित किया गया है। गत वर्षों में यह मूल्य 13 रूपए प्रति किलो था।
साल बीज का सीजन शुरू हो चुका है। विभिन्न जिलों में इसका संग्रहण प्रारंभ हो गया है। संग्राहकों से प्राथमिक लघु वनोपज समिति के माध्यम से तय किये गए न्यूनतम समर्थन मूल्य में साल बीज खरीदा जाता है, जिसे गोदाम में सुरक्षित रखा जाता है। उसके पश्चात ई-टेंडर के माध्यम से विक्रय किया जाता है। प्रदेश में 31 जिला यूनियन समितियां कार्यरत है, जिसमें जगदलपुर के लिए 20000 क्विंटल, दक्षिण कोण्डागांव के लिए 60000 क्विंटल, केशकाल के लिए 16100 क्विंटल, नारायणपुर के लिए 3000 क्विंटल, कांकेर के लिए 10000 क्विंटल, गरियाबंद के लिए 15650 क्विंटल, रायगढ़ के लिए 2500 क्विंटल, धरमजयगढ़ के लिए 6000 क्विंटल, कटघोरा के लिए 2000 क्विंटल, जशपुरनगर के लिए 5000 क्विंटल, कोरिया के लिए 7000 क्विंटल, सरगुजा के लिए 25750 क्विंटल, बलरामपुर के लिए 65000 क्विंटल, सूरजपुर के लिए 15000 क्विंटल तथा अन्य यूनियनों के लिए विभिन्न संग्रहण लक्ष्य तय किये गए हैं। अब तक जगदलपुर में 6000 क्विंटल, दक्षिण कोण्डागांव में 2000 क्विंटल, केशकाल में 2642 क्विंटल, नारायणपुर में 1012 क्विंटल, गरियाबंद में 629 क्विंटल, रायगढ़ में 700 क्विंटल, धरमजयगढ़ में 300 क्विंटल, जशपुर नगर में 74.03 क्विंटल, सरगुजा में 324.83 क्विंटल का संग्रहण हो चुका है।