Rail Safety Inspection : मेमू हादसे की जांच, मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त का चांपा तक निरीक्षण
रेलवे सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने के उद्देश्य से मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त जे.के. गर्ग गुरुवार को बिलासपुर पहुंचे। उन्होंने बिलासपुर से चांपा रेलखंड तक विस्तृत निरीक्षण (Rail Safety Inspection) कर रेल संरक्षा और परिचालन व्यवस्था की गहन समीक्षा की।
यह दौरा हाल ही में गतौरा–लालखदान के बीच हुए मेमू रेल हादसे की पृष्ठभूमि में बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। निरीक्षण के बाद मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के जोन कार्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त जे.के. गर्ग सुबह लगभग 10 बजे बिलासपुर से चांपा के लिए रवाना हुए। इस दौरान उन्होंने ट्रैक की स्थिति, सिग्नलिंग प्रणाली, ओवरहेड इक्विपमेंट (ओएचई), परिचालन व्यवस्था और अनुरक्षण कार्यों की गुणवत्ता का बारीकी से निरीक्षण किया। निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य रेल परिचालन को सुरक्षित बनाना और संभावित जोखिमों की पहचान करना रहा।
हालांकि, 4 नवंबर को मेमू और मालगाड़ी के बीच हुई टक्कर के वास्तविक दुर्घटना स्थल पर वे नहीं रुके, लेकिन संबंधित अधिकारियों ने उन्हें हादसे से जुड़ी पूरी तकनीकी और प्रशासनिक जानकारी दी।
अधिकारियों ने दुर्घटना के कारणों, उस समय की परिस्थितियों और मौके पर मौजूद संरक्षा इंतजामों के बारे में विस्तार से अवगत कराया। मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त ने इस हादसे की समीक्षा रेल संरक्षा जांच (Rail Safety Inspection) के तहत की और सुधारात्मक कदमों पर चर्चा की।
निरीक्षण पूरा करने के बाद दोपहर लगभग 12 बजे वे वापस बिलासपुर लौटे। बिलासपुर स्टेशन पहुंचते ही वे सीधे दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के जोन कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने महाप्रबंधक सहित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक ली। बैठक में उन्होंने अनुरक्षण कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही न बरतने के स्पष्ट निर्देश दिए।
मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त ने कहा कि रेल कर्मचारियों को नियमित और प्रभावी प्रशिक्षण दिया जाना बेहद आवश्यक है, ताकि वे आपात परिस्थितियों से बेहतर ढंग से निपट सकें। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि संरक्षा से जुड़े सभी कार्य निर्धारित मानकों और नियमों के अनुरूप हों और फील्ड स्तर पर सतत निगरानी सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने संभावित जोखिमों की समय रहते पहचान कर तत्काल समाधान करने पर जोर दिया। साथ ही रेल परिचालन व्यवस्था को और अधिक सुरक्षित, सुचारु और भरोसेमंद बनाने के लिए सभी विभागों के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता बताई। मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त का यह दौरा रेलवे सुरक्षा को लेकर गंभीरता और भविष्य में हादसों की पुनरावृत्ति रोकने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
