Raigarh Cultural Showcase : रायगढ़ की रंगीन छटा ‘रंग संस्कार महोत्सव रायपुर’ में…छत्तीसगढ़ी नाटक व चित्र प्रदर्शनी से दर्शक हुए भावविभोर…

Raigarh Cultural Showcase : रायगढ़ की रंगीन छटा ‘रंग संस्कार महोत्सव रायपुर’ में…छत्तीसगढ़ी नाटक व चित्र प्रदर्शनी से दर्शक हुए भावविभोर…

रायपुर, 17 मई| Raigarh Cultural Showcase : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर एक बार फिर रंगमंच और कला की अनूठी छटा से सजी हुई है। संस्कृति विभाग, छत्तीसगढ़ शासन के सहयोग से संस्कार भारती छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित तीन दिवसीय नाट्य महोत्सव “रंग संस्कार रायपुर (द्वितीय वर्ष)” का शुभारंभ 16 मई 2025 को हुआ। यह महोत्सव रंग साधक स्वर्गीय अशोक चन्द्राकर की स्मृति को समर्पित है, जिन्होंने छत्तीसगढ़ी रंगमंच को अपनी प्रतिभा और समर्पण से नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।

कार्यक्रम का शुभारंभ देवी अहिल्याबाई होलकर चित्र प्रदर्शनी के उद्घाटन से हुआ, जिसमें 54 कलात्मक चित्रों के माध्यम से पुण्यश्लोक राजमाता अहिल्याबाई होलकर के जीवन, संघर्ष, न्यायप्रियता और प्रशासनिक दक्षता को भावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया गया है। यह प्रदर्शनी 16 से 18 मई तक आम जन के लिए खुली रहेगी, जिसमें हर वर्ग और आयु के दर्शक राजमाता के गौरवशाली जीवन से प्रेरणा ले सकते (Raigarh Cultural Showcase)हैं। प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर पद्मश्री अनुज शर्मा (विधायक, धरसींवा एवं संरक्षक रंग संस्कार महोत्सव रायपुर  ) ने कहा –“देवी अहिल्याबाई होलकर का जीवन भारतीय नारी शक्ति, सेवा और न्याय का प्रतीक है। यह प्रदर्शनी उनके जीवन-दर्शन को जन-जन तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम बनेगी।”

छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध 50 चित्रकारों द्वारा तैयार किए गये 54 चित्रकृतियों  में, मनोज श्रीवास्तव द्वारा इन्दौर के चन्द्रेश्वर मन्दिर के जीर्णोद्धार विषय पर, सुरेन्द्र मेहर द्वारा आडा बाजार प्रसंग (मालेराव के रथ से कुचला बछड़ा, अहिल्या बाई रथ पर कोधित मुद्रा में, बंधन में सडक पर पडा मालेराव, बचाने के प्रयत्न में गाय) पार्श्व में राजमहल विषय पर, अमृता गौरव श्रीवास्तव (पिथौरा, महासमुंद) द्वारा  रुकमणी-विठोबा के चित्र के साथ  पंढरपुर में मंदिर निर्माण विषय पर, स्वाती पंड्या द्वारा आध्यात्मिक शक्ति की छत्रछाया में ही सांस्कृतिक शक्तियों का उद्गम होता है और इस समय देश को आवश्यकता थी गंगा सी पावनता और सीता सी दृढ़ इच्छा शक्ति से परिपूर्ण एक दिव्य मातृ शक्ति के भू पर अवतरित होने के विषय पर, ध्रीति राठौड़ द्वारा सनातन संस्कृति का पुनरूत्थान सोमनाथ का जीर्णोद्धार – सामने अहिल्या बाई की प्रतिमा हाथ में शिवलिंग, समुद्र का दृष्य विषय पर, 3×3.5 फीट के कैनवास पर चित्रकृतियां शामिल हैं। 18 मई के छत्तीसगढ़ के सम्मानित कवियों के काव्य पाठ में रायगढ़ से सुधा देवांगन ‘शुचि’ शामिल होंगी।

इस शुभ अवसर पर संस्कार भारती रायपुर महानगर अध्यक्ष श्री शशांक शर्मा, संस्कार भारती छत्तीसगढ़ प्रांत अध्यक्ष एवं प्रख्यात लोक कलाकार श्री रिखी क्षत्रिय, वरिष्ठ रंगकर्मी प्रो. अनिल कालेले सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। समारोह की विशेष गरिमा उस समय और बढ़ गई जब वरिष्ठ रंग साधक प्रो. अनिल कालेले को “रंग संस्कार सम्मान 2025” से अलंकृत किया गया। यह सम्मान उन्हें रंगमंच के प्रति दशकों से किए जा रहे योगदान, निर्देशन, शिक्षण और नाट्य संवेदना के लिए प्रदान किया गया। संस्कार भारती के इस अभिनव प्रयास ने राज्य के समर्पित रंगकर्मियों को नई ऊर्जा और सम्मान की अनुभूति कराई।

प्रथम दिवस की मुख्य प्रस्तुति रही — लोकनाट्य शैली में “शहीद वीर नारायण सिंह लोकगाथा”। यह नाटक छत्तीसगढ़ के पहले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर नारायण सिंह की संघर्षगाथा पर आधारित था। इसका लेखन एवं संगीत राकेश तिवारी द्वारा और निर्देशन संत फरिकार द्वारा किया गया। यह प्रस्तुति छत्तीसगढ़ की मिट्टी की खुशबू से सराबोर थी। नाटक में छत्तीसगढ़ी लोकधुनें, पारंपरिक वेशभूषा, लोकगीत और जनजातीय समाज के जीवन का जीवंत चित्रण किया गया। मंच पर वीरता, बलिदान, विद्रोह और स्वाभिमान के दृश्यों ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। दर्शकों की आंखों में गर्व और हृदय में प्रेरणा की लहर दौड़ती (Raigarh Cultural Showcase)रही। बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों सहित बड़ी संख्या में उपस्थित जनसमूह ने नाटक की गूंज को देर तक तालियों की गड़गड़ाहट से सम्मानित किया।

आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा: महोत्सव के दूसरे दिन, यानी 17 मई को दो सशक्त नाट्य प्रस्तुतियां होंगी – राम-भारत मिलाप – आधुनिक पारिवारिक परिवेश में प्रस्तुत एक मार्मिक कथा, जो पारिवारिक मूल्यों और त्याग पर केंद्रित है।इसका निर्देशन किशोर वैभव जी ने किया है।

लांछन – प्रसिद्ध कथाकार मुंशी प्रेमचंद की कहानी पर आधारित यह नाटक सामाजिक रूढ़ियों और स्त्री-पुरुष संबंधों की जटिलताओं को उजागर करता है। इसका निर्देशन अर्पिता बेडेकर द्वारा किया गया है।

महोत्सव का समापन, 18 मई को विशेष काव्य पाठ एवं नाटक “पेइंग गेस्ट” के मंचन के साथ होगा। काव्य-पाठ: “राजमाता अहिल्याबाई होलकर” पर केंद्रित कविताओं का सृजनात्मक पाठ संस्कार भारती के चयनित कवियों द्वारा किया जाएगा। नाटक: “पेइंग गेस्ट” – वरिष्ठ साहित्यकार श्री महेंद्र आर्य की कहानी का नाट्य रूपांतरण, जिसका निर्देशन आचार्य रंजन मोडक करेंगे।

इस समापन समारोह में बॉलीवुड अभिनेता पद्मश्री मनोज जोशी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। उनके आगमन से कार्यक्रम की शोभा और भी बढ़ेगी। संस्कार भारती छत्तीसगढ़ ने समस्त रायपुरवासियों से अपील की है कि वे इस सांस्कृतिक पर्व में अधिकाधिक संख्या में सम्मिलित होकर कलाकारों का उत्साहवर्धन करें और छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को नई पहचान दिलाने में सहभागी बनें। यह महोत्सव केवल एक रंगमंचीय आयोजन नहीं, बल्कि हमारी लोक-संस्कृति, परंपरा, इतिहास और सामाजिक चेतना को समर्पित जनोत्सव है। इसकी सफलता, जनभागीदारी और कला के प्रति संवेदनशीलता को एक नई ऊंचाई तक ले जा रही है।

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