संपादकीय: आरक्षण पर राहुल के बयान से बवाल
Rahul’s statement on reservation: अमेरिका प्रवास पर गए लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने वैसे तो वहां कई विवादास्पद बातें कहीं हैं। सिखों को लेकर उनके बयान पर भी बवाल खड़ा हो गया है।
वहीं उन्होंने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी सवालिया निशान लगाकर बहस का नया मुद्दा खड़ा कर दिया है। इन सब बयानों से अलग उन्होंने आरक्षण को लेकर जो बयान दिया है। उसे लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर हमला बोलना शुरू कर दिया है।
अमेरिका में राहुल गांधी (Rahul’s statement on reservation) ने यह कहा था कि जब उनकी सरकार आ जाएगी और उन्हें लगेगा की अब देश में समानता आ गई है। तब आरक्षण को खत्म करने पर विचार किया जाएगा।
वैसे देखा जाए तो राहुल गांधी के इस बयान में कोई भी आपत्तिजनक बात नहीं है। यदि देश में सभी को समानता का अधिकार मिल जाएगा तो आरक्षण की व्यवस्था पर पुनर्विचार तो होगा ही।
वैसे भी भारतीय संविधान में आरक्षण की व्यवस्था स्थाई नहीं है। शुरू में तो इसे सिर्फ दस सालों के लिए लागू किया गया था। लेकिन वोट की राजनीति के चलते हर दस साल के बाद इसे बढ़ाया जाता रहा है।
ऐसी स्थिति में जब आरक्षण का मकसद पूरा हो जाएगा तो उस पर विचार होना स्वाभाविक है। किन्तु यह बात राहुल गांधी ने कही है इसलिए भाजपा ने उनके बयान को लेकर बवाल काटना शुरू कर दिया है।
भाजपा के नेता अब कांग्रेस पर यह आरोप लगा रहे हैं कि वह आरक्षण विरोधी हंै। इसके लिए इतिहास के पन्ने निकाले जा रहे हैं और कांग्रेस को आरक्षण विरोधी करार देने के लिए तथ्य जुटाए जा रहे हैं।
भाजपा नेताओं के मुताबिक देश के पहले प्रधानमंत्री पंडि़त जवाहरलाल नेहरू आरक्षण के प्रखर विरोधी थे। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान इस बारे में देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र भी लिखा था। इसके बाद तात्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा ने तो चुनाव में यह नारा भी दिया था कि जात पर न पात पर मुहर लगेगी हाथ पर।
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी भी आरक्षण विरोधी थे। जब विश्वनाथ प्रताप सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करते हुए पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया था।
तब राजीव गांधी ने इसके खिलाफ संसद में लंबा भाषण दिया था। उनका कहना था कि आरक्षण देने से बुद्धू लोगों को बढ़ावा मिलेगा।
अब राहुल गांधी (Rahul’s statement on reservation) के इस बयान को लेकर भाजपा कांग्रेस पर निशाना साध रही है और गड़े मुर्दे उखाड़ कर कांग्रेस को शुरू से ही आरक्षण विरोधी होने का आरोप लगा रही है।
गौरतलब है कि जातीय जनगणना और आरक्षण के मुद्दे को उठाकर ही कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनाव में यह आरोप लगाया था कि यदि इस बार भाजपा 400 पार हो जाती है और नरेन्द्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बन जाते हैं तो वे आरक्षण को खत्म कर देंगे।
कांग्रेस ने और आईएनडीआईए में शामिल अन्य विपक्षी दलों ने लोकसभा चुनाव के दौरान इस मुद्दे को जोर शोर से उठाया था। नतीजतन भाजपा की सीटें कम हो गई।
यहां तक की वह अकेले अपने दम पर बहुमत का जादुई आंकड़ा भी नहीं छु पाई। दूसरी ओर कांग्रेस की सीटें बढ़कर 99 हो गई और आईएनडीआईए में शामिल अन्य दलों की सीटें भी बढ़ गई। अब राहुल गांधी (Rahul’s statement on reservation) ने आरक्षण पर ऐसा बयान देकर भाजपा को हमलावार होने का मौका दे दिया है।