Rahul Rescue ke 65 hours : राहुल बेटा…उठो…केला खा लो…यह महज आवाज ही नहीं, एक उम्मीद भी हैं…
रायपुर/नवप्रदेश। Rahul Rescue ke 65 hours : राहुल..ओ राहुल..। राहुल बेटा… उठो…केला खा लो…फ्रूटी पी लो…राहुल.. ओ राहुल… मेरा अच्छा बेटा… आ जा..आ जा.. केला खा ले…
यह आवाज, महज कोई आवाज ही नहीं, एक उम्मीद भी है, जो बोरवेल में पिछले 65 घण्टे से फसे राहुल की ज़िंदगी से जुड़ा हुआ है। बोरवेल में गिरने के बाद एक कैमरा ही है, जो राहुल के भीतर होने और उसके मूवमेंट को देखने वालों को राहत दे रहा है। राहुल अपनी गतिविधियों से सुकून का अहसास करा रहा है।
वहीं इस सुकून के पीछे की एक वजह यह भी है कि राहुल कुछ देर के अंतराल में केला खा रहा है। जूस पी रहा है। सेब खा रहा है। राहुल जैसा भी है, जिस भी हालात में है। वह चिंता का विषय तो है, लेकिन रेस्क्यू सफल होने तक राहुल को खाने के लिए मजबूर करने में एनडीआरएफ के जवान बी अनिल और कापसे एल बी, आर के पांडा का एक बहुत बड़ा योगदान है। यहाँ दो दिन से बोरवेल के आसपास तक यह मार्मिक आवाज गूँज रही है।
भले ही एनडीआरएफ के जवान (Rahul Rescue ke 65 hours) बी अनिल आंध्रप्रदेश से और कापसे एल बी महाराष्ट्र से है, लेकिन इन दोनों के द्वारा बोरवेल के बाहर कैमरे का न सिर्फ वायर सम्हाल कर राहुल के हर गतिविधियों को बाहर प्रदर्शित किया जा रहा है, बोरवेल से पानी को निकाला जा रहा है..अपितु आवाज लगा-लगा कर वे दोनों राहुल तक केला ,जूस सहित अन्य सामग्रियां पहुचा रहे हैं।
65 घण्टे बाद भी हिम्मत नहीं हारा राहुल
राहुल इन दोनों की आवाज सुनकर खड़ा हो जाता है और रस्सी में बांधकर दी गई खाद्य सामग्रियों को झपट लेता है। राहुल कभी केला खाता है तो कभी दूसरा फल, इस बीच राहुल को कैमरे में आसानी से रिकॉर्ड भी कर लिया जाता है। खुद तक खाद्य सामग्रियां मिलने पर राहुल कम से कम भूखे पेट नहीं सोता। उन्हें खाने-पीने का सामान मिल जाने से खाता है। लगातार ऑक्सीजन सप्लाई होने और कुछ खाने की वजह से ही राहुल 65 घण्टे बाद हिम्मत नहीं हारा है। वह सुरक्षित है।
बोरवेल के ऊपर से लगातार आवाज लगाकर राहुल को जगाने के साथ फल खिलाने में अनिल बी और कापसे एल बी बिना किसी संकोच के साथ अपने कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। अनिल बी का कहना है कि हम सबकी कोशिश है कि राहुल किसी तरह ऊपर आ जाए। इसके लिए कई बार रस्सी हाथ तक पहुचाई गई। अलग-अलग विधियां अपनाई गई। मगर एक बार भी राहुल रस्सी नहीं पकड़ पाया, इसलिए राहुल को सुरक्षित निकाला नहीं जा पा रहा है।
कैमरे के डिस्प्ले पर राहुल की टकटकी सलामती का कराता एहसास
लगभग 65 घण्टे से अधिक समय (Rahul Rescue ke 65 hours) से बी अनिल और कापसे एल बी बोरवेल के पास बैठे हैं। उनकी आंखें बोरवेल में फसे राहुल को ताकते हुए लाल सी हो गई है, फिर भी वे कोशिश में लगे हैं। राहुल जब सो जाता है तो उन्हें किसी प्रकार से डिस्टर्ब नहीं किया जाता, लेकिन जैसे ही वह सोकर उठता है तो उन्हें खाने के लिए सामग्रियां देकर जोर-जोर से आवाज लगाता है। इसी तरह यहाँ एनडीआरएफ के विकास कुमार भी है जो कैमरे के डिस्प्ले पर टकटकी लगाए हुए हैं। राहुल की हर गतिविधियों की जानकारियां देकर उसके सही सलामत होने की बात बताता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशन में जिला प्रशासन द्वारा राहुल के लिए हर प्रकार के इंतजाम किए गए है । परिजनों के सलाह के साथ खाद्य सामग्रियां भी जा रही है।