PWD Department : राजनीति की सड़क पर छूटे गड्ढे कौन भरेगा ?
पीडब्ल्यूडी मंत्री के गृहजिले में उन्हीं के विभागीय अफसरों को हड़का रहे वोरा
दुर्ग/नवप्रदेश। PWD Department : अपनी राजनीति चमकाने के फेर में विधायक अरूण वोरा बहुत कुछ भूल जाते हैं। वे भूल जाते हैं कि जो काम नगर निगम को करना है, उसके क्रियान्वयन की राजनीतिक जिम्मेदारी महापौर की है। वे भूल जाते हैं कि जिस वेयर हाउस कार्पोरेशन के वे अध्यक्ष हैं, दरअसल उस विभाग में मंत्री भी होता है। वे यह भी भूल जाते हैं कि जिस शहर में वे रहते हैं वहां पीडब्ल्यूडी मंत्री का भी निवास हैं और इस विभाग के कामकाज की जिम्मेदारी उस विभागीय मंत्री की है।
ताजा मामला जीई रोड में सड़कों पर उभर आए गड्ढों को लेकर सामने आया है। इन गड्ढों को भरने के लिए विधायक अरूण वोरा ने पीडब्ल्यूडी अफसरों को निर्देशित किया है। लेकिन उन्हें यह भी याद रखना चाहिए कि दुर्ग की राजनीतिक सरजमीं पर उन्होंने स्वयं जो गड्ढे तैयार किए हैं, उसे भरने के लिए पीडब्ल्यूडी नहीं आएगा। इसी जीई रोड पर स्ट्रीट लाइटें अनेक जगहों पर बंद हैं, जिनकी वजह से दुर्घटनाएं होती रहती हैं। विधायक वोरा ने इसकी सुध नहीं ली, क्योंकि बिजली विभाग स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पास है।
दूसरों के कामकाज में दखलंदाजी करने की बुरी हरकतों के चलते आज दुर्ग शहर ही नहीं, प्रदेशभर के कई बड़े नेता भी उनसे नाराज हैं। लेकिन विधानसभा चुनाव को करीब आता देख अब उनके लिए यह विवशता है कि ज्यादा से ज्यादा सक्रियता कैसे दिखाएं। इसलिए कभी नगर निगम के काम में तो कभी वेयर हाउस और पीडब्ल्यूडी के काम में हस्तक्षेप कर जबरिया सक्रियता दिखाने में कोशिश की जा रही है।
वेयर हाउस के गोदामों का दौरा करते हुए वे लगातार निर्देश दे रहे हैं कि धान को सही तरीके से भंडारित किया जाए। यह हास्यास्पद है कि जो विभाग आजादी के बाद से अपना काम बखूबी करता आ रहा है, उस विभाग को जुम्मा-जुम्मा चार दिन के आयोग अध्यक्ष संग्रहण के तरीके बता रहे हैं।
सक्रिय हैं वोरा विरोधी गुट
दुर्ग विधानसभा क्षेत्र को लेकर एक कांग्रेस नेता के दफ्तर में कई तरह की रणनीतियां बन रही है। इन रणनीतियों का सबसे प्रमुख मुद्दा यही है कि दुर्ग से विधायक वोरा का पत्ता कैसे काटा जाए? रणनीतिकारों में कांग्रेस के एक प्रकोष्ठ का अध्यक्ष है तो कई चुनाव लडऩे वाले चेहरे भी हैं। इसके अलावा पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखने वाले कई और लोग भी शामिल हैं।
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि कांग्रेस का यह गुट अरूण वोरा की जगह किसे उनकी राजनीतिक विरासत सौंपने की रणनीति बना रहा है, लेकिन यह पुख्ता खबर है कि विधायक का राजनीतिक कद समेटने की पुरजोर कोशिशें की जा रही है। इधर, कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि इन दिनों विधायक वोरा बेहद डरे हुए हैं। आलम यह है कि सोमवार को स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के बाद भी उन्हें जीई रोड नापने के लिए निकलना पड़ा।
युकां के प्रवक्ता बने विधायक
कांग्रेस के युवा संगठन युवक कांग्रेस के शहर अध्यक्ष पद पर विधायक वोरा की अनुशंसा (PWD Department) पर उनके खास समर्थक आयुष शर्मा की नियुक्ति की गई थी, किन्तु आयुष एक साल बीतने के बाद भी अपनी कार्यकारिणी का गठन नहीं कर पाए। बीते कल शहर युवक कांग्रेस की कार्यकारिणी घोषित की गई तो मीडिया तक यह खबर विधायक वोरा के कार्यालय से जारी की गई। जबकि युवक कांग्रेस संगठन में प्रवक्ता जैसा भी एक पद होता है और इस तरह के समाचार प्रवक्ता के माध्यम से ही जारी किए जाते हैं।
युकां की जो कार्यकारिणी जारी की गई है, उसमें प्रवक्ता पद का नामोंनिशान नहीं है। स्पष्ट है कि युकां शहर संगठन की कमान ऐसे युवक को दी गई है, जिसे संगठन के पदों तक का ज्ञान नहीं है। अरूण वोरा की वर्तमान राजनीतिक पारी में एक गड्ढा यह भी है। मजे की बात है कि कार्यकारिणी में कुल ७ उपाध्यक्ष, १२ महासचिव व १८ सचिव बनाए गए हैं। बाकी के पदों का अता-पता नहीं है। क्या युवक कांग्रेस का बॉयलाज अध्यक्ष के अलावा महज ३ पदों के लिए ही है?
दुर्दशा पर आंसू बहाता शहर
शहर की कोई सड़क, कोई गली-मोहल्ला नहीं बचा, जिसने अमृत मिशन का खामियाजा न भुगता हो। वर्तमान में शहर की तमाम सड़कों, चाहे वह डामरीकृत हों या सीसी, के पुननिर्माण में करोड़ों रूपयों का खर्च आएगा, किन्तु विधायक व दर्जा प्राप्त मंत्री शांत बैठे हैं। पूरे शहर का कबाड़ा हो गया है, लेकिन वे शासन स्तर पर मोटी राशि लाने में नाकाम रहे हैं। ऐसे में यह संभावना भी बलवती हो रही है कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों की नाकामियों के चलते आम नागरिक परेशान होते रहेंगे।
इन सड़कों को लेकर सबसे बड़ी समस्या (PWD Department) यह भी पेश आई कि डामरीकृत सड़कों को खोदा तो गया किन्तु बंद सीमेंट से किया गया। डामरीकृत सड़कों पर सीमेंट की परत चढ़ाने का खामियाजा पूरा शहर भुगत रहा है, क्योंकि सीमेंट उखड़ चुकी है और शहरभर की गलियों में इस वजह से गड्ढे हो गए हैं। रोजाना शहर भ्रमण पर निकलने वाले विधायक अरूण वोरा की पैनी नजरों से यह दिक्कत छिपी हो, ऐसा भी नहीं है।