Puri Rath Yatra Stampede : आस्था में अफरा-तफरी…पुरी रथ यात्रा में भगदड़…3 श्रद्धालुओं की मौत… 50 घायल…

Puri Rath Yatra Stampede : आस्था में अफरा-तफरी…पुरी रथ यात्रा में भगदड़…3 श्रद्धालुओं की मौत… 50 घायल…

पुरी, 30 जून। Puri Rath Yatra Stampede : ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की प्रसिद्ध रथ यात्रा इस बार एक दुखद हादसे की गवाह बनी। लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में हुई इस पवित्र यात्रा के दौरान रविवार तड़के करीब 4:30 बजे एक भीषण भगदड़ मच गई, जिसमें 3 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और करीब 50 लोग घायल हो गए। घटना श्रीगुंडिचा मंदिर के सामने हुई, जहां भगवान जगन्नाथ रथ पर विराजमान थे और श्रद्धालु दर्शन करने के लिए उमड़े थे।

कैसे हुआ हादसा?

रथयात्रा के दौरान श्रद्धालु भगवान के दर्शन के लिए मंदिर के बाहर इकट्ठा हुए थे। भीड़ बढ़ती गई, और व्यवस्था जवाब देने लगी। भीड़ में धक्का-मुक्की शुरू हो गई, कुछ श्रद्धालु नीचे गिर पड़े, जिससे अचानक भगदड़ मच गई। यह हादसा शरधाबली क्षेत्र में (Puri Rath Yatra Stampede)हुआ, जो रथ यात्रा का बेहद संवेदनशील स्थान माना जाता है।

मृतकों की पहचान और घायलों की स्थिति

पुरी के जिला कलेक्टर सिद्धार्थ एस स्वैन ने हादसे की पुष्टि की और बताया कि मृतकों की पहचान हो चुकी है:

बसंती साहू (बोलागढ़)

प्रेमकांत मोहंती (बालीपटना)

प्रवती दास

घायलों को तुरंत 108 एम्बुलेंस सेवा के जरिए जिला अस्पताल भेजा गया। इनमें 6 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है।

क्या थी प्रशासन की तैयारी?

पुरी रथ यात्रा जैसी विशाल धार्मिक यात्रा में सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण सर्वोच्च प्राथमिकता होती है। लेकिन इतनी भीड़ में किसी एक चूक से पूरा तंत्र असहाय नजर आने लगता है। प्रशासन ने बताया कि जांच के आदेश दे दिए गए (Puri Rath Yatra Stampede)हैं और पूरे हादसे की वीडियो फुटेज और गवाहों के आधार पर जांच की जा रही है।

जगन्नाथ रथ यात्रा — आस्था का महापर्व

पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा भारत की सबसे बड़ी धार्मिक यात्राओं में से एक है, जिसमें भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को रथ पर श्रीगुंडिचा मंदिर तक ले जाया जाता है। यह यात्रा सदियों से चली आ रही परंपरा का प्रतीक है और दुनियाभर से श्रद्धालु इसमें भाग लेने आते हैं।

अब सवाल उठते हैं…

क्या भीड़ प्रबंधन में चूक हुई?

क्या रथ मार्ग पर कंट्रोल रूम पर्याप्त (Puri Rath Yatra Stampede)था?

क्या भगदड़ से पहले कोई चेतावनी के संकेत थे?

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