Punni Mela : माघ पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने लगाई त्रिवेणी संगम में डुबकी
रायपुर/नवप्रदेश। Punni Mela : छत्तीसगढ़ के प्रयाग राज के रूप में प्रसिद्ध राजिम में माघी पुन्नी मेला आज से प्रारंभ हो गया है।श्रद्धालुजनों का सुबह से ही देवालय दर्शन और घाटों में स्नान का सिलसिला शुरू हो गया है। मान्यता के अनुसार माघ पुन्नी के अवसर पर पुन्नी स्नान का विशेष महत्व है, इसलिए सोढुर, पैरी और महानदी के त्रिवेणी संगम के स्नान करने बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
राजिम माघी पुन्नी मेला आज से प्रारंभ
राजिम के मेला स्थल (Punni Mela) पर राज्य शासन द्वारा विशेष इंतजाम किए गए हैं। संगम स्थल पर बनाए गए एनीकट में पानी की व्यवस्था सहित संत निवास, आवागमन की सुविधा, पूरे मेला क्षेत्र की साफ सफाई, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि की व्यवस्था की गई। 14 दिन तक चलने वाले इस मेले में यहां प्रतिदिन संतों के द्वारा आशीष वचन भी दिए जाएंगे। पूरे मेले स्थल में कानून व्यवस्था के लिए पुलिस जवान तैनात किए गए हैं।
देवालय दर्शन और घाटों में स्नान का सिलसिला शुरू
मंदिर के दर्शन और घाटों पर स्नान का सिलसिला शुरू हो गया है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष बसों का संचालन भी किया जा रहा है। मेला स्थल पर व्यवस्थित रूप से दुकानों के लिए स्थल आबंटित किए गए हैं। मेला स्थल पर पेयजल, शौचालय और पार्किंग की भी व्यवस्था की गई है। मुख्य मंदिर के पास भव्य और आकर्षक मंच बनाया गया है, जहां स्थानीय लोककलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। मंदिर परिसर सहित पूरे मेला क्षेत्र की आकर्षक सजावट की गई है। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप माघी पुन्नी मेले के दौरान राजिम और आसपास के क्षेत्रों में मदिरा का विक्रय प्रतिबंधित कर दिया गया है।
ट्रैफिक के लिए वन-वे होगा लक्ष्मण झूला
मेला स्थल के समीप नदी पर बनाए गए लक्ष्मण झूला आवागमन के लिए वन-वे होगा। मेला स्थल में सुरक्षा व्यवस्था के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। त्रिवेणी संगम स्थल पर महाआरती के आयोजन के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। सिंचाई विभाग द्वारा श्रद्धालुओं के स्नान के लिए विशेष स्नान कुण्ड भी तैयार किए गए हैं। इसी प्रकार मेले में वीवीआईपी आगमन के मद्देनजर सभी आवश्यक व्यवस्था की गई है।
मेला आयोजन के लिए 54 एकड़ भूमि आवंटित
नई सरकार द्वारा मेला क्षेत्र (Punni Mela) को व्यवस्थित और आकर्षक बनाने के लिए 54 एकड़ भूमि आबंटित की गई है, जहां मेला स्थल को व्यवस्थित करने के साथ ही धर्मशाला और अन्य आवश्यक भवनों का निर्माण किया जा रहा है। मेला स्थल की व्यवस्था के लिए रायपुर, गरियाबंद और धमतरी जिले के प्रशासनिक अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है।