Public Safety Alert : अब नहीं बख्शे जाएंगे कार्बाइड गन बेचने वाले, सीएम बोले- बच्चों का इलाज सरकार की जिम्मेदारी

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Public Safety Alert : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कार्बाइड गन से हुई दुर्घटनाओं को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के किसी भी घायल बच्चे और नागरिक के उपचार में कोई कमी नहीं आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि घायलों के ऑपरेशन, नेत्र उपचार और सभी चिकित्सीय सेवाएं (Public Safety Alert) सर्वोच्च प्राथमिकता से उपलब्ध कराई जाएं।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि उपचार हेतु मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से आवश्यक सहयोग दिया जाए और गंभीर मरीजों को आवश्यकता पड़ने पर एयर एम्बुलेंस सेवा भी उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सभी घायलों की स्थिति की सतत मॉनिटरिंग हो और जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम तत्काल तैनात की जाए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कार्बाइड गन घातक विस्फोटक उपकरण है, जो नागरिक सुरक्षा के लिए सीधा खतरा है। उन्होंने प्रदेश में इसके अवैध निर्माण, विक्रय और उपयोग पर (Public Safety Alert) जीरो टॉलरेंस के साथ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। भोपाल और अन्य जिलों में बच्चों को आँख, चेहरे और हाथ में लगी गंभीर चोटों पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नागरिकों के जीवन और स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए हरसंभव कठोर कदम उठाएगी।

मुख्यमंत्री के निर्देशों पर मुख्य सचिव अनुराग जैन ने मंत्रालय में उच्च स्तरीय बैठक लेकर स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि कार्बाइड गन प्रतिबंधित श्रेणी का उपकरण है और इसके विरुद्ध कार्रवाई शस्त्र अधिनियम 1959, विस्फोटक अधिनियम 1884 तथा विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 के तहत की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह उपकरण एसीटिलीन गैस के विस्फोट से तेज आवाज और दाब लहर पैदा करता है, जिससे गंभीर शारीरिक चोटें और स्थायी नेत्र क्षति तक हो सकती है।

मुख्य सचिव ने सभी जिलों को निर्देशित किया कि बीएनएसएस की धारा 163 के अंतर्गत आदेश पारित कर कार्बाइड गन के निर्माण, विक्रय, स्वामित्व और उपयोग पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए। किसी भी व्यक्ति द्वारा निर्माण या विक्रय करते पाए जाने पर (Public Safety Alert) एफआईआर दर्ज कर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि ई-कॉमर्स वेबसाइटों और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर कार्बाइड गन की बिक्री रोकने के लिए साइबर शाखा निगरानी बढ़ाए।

जागरूकता अभियान के तहत नागरिकों, विशेषकर अभिभावकों और शिक्षण संस्थानों में बताया जाएगा कि यह “खिलौना” नहीं बल्कि “विस्फोटक यंत्र” है। मैदानी अधिकारी संदिग्ध दुकानों और ऑनलाइन प्लेटफार्मों की जांच कर अवैध लिस्टिंग हटवाने, जब्ती और फोरेंसिक जांच की कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे (Public Safety Alert) नागरिकों में जागरूकता फैलाएं और हेल्पलाइन के माध्यम से शिकायतें तुरंत दर्ज करें।

बैठक में अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन संजय कुमार शुक्ल, अपर मुख्य सचिव अशोक बर्णवाल, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य संदीप यादव, एडीजी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी परिपत्र में कार्बाइड गन के वैज्ञानिक स्वरूप, कानूनी स्थिति और कार्रवाई की प्रक्रिया बताई गई है। यह उपकरण विस्फोटक अधिनियम 1884 की धारा 4(घ), 5, 6(क)(i) और शस्त्र अधिनियम 1959 की धारा 2(ख)(iii), 2(ग), 9(ख) के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। बिना लाइसेंस निर्माण, विक्रय या स्वामित्व की स्थिति में तीन से सात वर्ष तक का कारावास और जुर्माने का प्रावधान है।

पुलिस ने अब तक भोपाल में 6, विदिशा में 8 और ग्वालियर में 1 एफआईआर दर्ज की हैं। स्वास्थ्य विभाग से मिली रिपोर्ट के अनुसार अधिकांश घायल मरीज अब (Public Safety Alert) स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं, केवल दो मरीज ऐसे हैं जिनकी आंखों में गंभीर चोट है। सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि गंभीर मामलों की सतत निगरानी करें और आवश्यकता पड़ने पर उच्च चिकित्सा संस्थानों में रेफर करें।

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