संपादकीय: स्वच्छता अभियान में जनभागीदारी जरूरी
Cleanliness campaign: राष्ट्रीय स्वच्छ भारत मिशन के तहत छत्तीसगढ़ में इस बार भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है जो स्वागत योग्य कदम हैं।
राज्य स्तरीय स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ठीक ही कहा है कि स्वच्छता को सामाजिक आंदोलन बनाना होगा।
जन जागरूकता से ही हमारा प्रदेश स्वच्छ होगा। मुख्यमंत्री ने खुद झाडू लगाकर इस पखवाड़े का शुभारंभ किया और स्वच्छता दीदियों के सम्मान में सिर झुका कर उनका नमन किया।
छत्तीसगढ में स्वच्छता पखवाड़े के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। दो अक्टूबर गांधी जयंती पर इसका समापन होगा। इस बीच लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाएगा।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद स्वच्छ भारत मिशन की शुरूआत की थी। इसके तहत पूरे देश में हर घर में शौचालय बनाने की महत्वाकांक्षी योजना सफलतापूर्वक क्रियान्वित की गई।
पीएम मोदी की अपील पर ही अब स्वच्छता अभियान पूरे देश में एक महा अभियान बनता जा रहा है। छत्तीसगढ़ में भी स्वच्छता अभियान के सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं।
जिसे और गति देने की जरूरत है और इस दिशा में स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा मील का पत्थर साबित हो सकता है। इसके लिए यह आवश्यक है कि स्वच्छता अभियान में जनभागीदारी बढ़ाने के लिए कारगर कदम उठाए जाएं।
स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के मामले में अपनी सहभागिता दर्ज कराने वाले स्वयं सेवी संगठनों और सामाजिक संस्थाओं को प्रोत्साहित व पुरस्कृत किया जाए।
सभी के सक्रिय सहयोग से ही स्वच्छता अभियान सामाजिक आंदोलन बन पाएगा। उम्मीद की जानी चाहिए कि छत्तीसगढ़ में स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम सफल होगा और लोग इस कार्यक्रम में बढ़चढ कर अपनी सहभागिता दर्ज कराने के लिए आगे आएंगे।
तथा छत्तीसगढ़ को स्वच्छ प्रदेश बनाने में अपना अमूल्य योगदान देंगे। स्वच्छमेव जयते का नारा जन जन का नारा बनेगा तभी इस तरह के आयोजन की सार्थकता सही मायनों में सिद्ध हो पाएगी।