संपादकीय: स्कूली बच्चों को पौष्टिक नास्ता देना सराहनीय पहल
Nutritious breakfast to school children : नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूली छात्र-छात्राओं को मिड-डे-मील के अलावा पोषण आहार के रूप में पौष्टिक नास्ता मुहैय्या करने के प्रावधान को छत्तीसगढ़ में भी लागू किया जा रहा है जो सराहनीय और अनुकरणीय पहल है।
विद्यार्थियों को मिड-डे-मील के अलावा पौष्टिक नास्ता (nutritious breakfast to school children ) मिलने से बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास और तेजी से हो पाएगा। इस योजना का शुभारंभ कोरबा जिले से किया गया है। जहां लगभग 40 हजार बच्चों को इस योजना का लाभ मिलने जा रहा है।
शीघ्र ही पूरे प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों और सरकारी सहायता प्राप्त शालाओं में बच्चों को मुफ्त नास्ता उपलब्ध कराया जाएगा। राज्य सरकार को चाहिए कि मिड-डे-मील के तरह ही पोषण आहार के रूप में पौष्टिक नास्ता गुणवत्ता पूर्ण रहे इसका विशेष ध्यान रखा जाए।
इन योजनाओं के संचालन की जिम्मेदारी महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपा जाना उपयुक्त होगा। महिला स्व-सहायता समूह प्रदेश में जो भी काम हाथ में ले रही है उसके बेहतर प्रमाण सामने आ रहे हैं।
किसी निजी ठेकेदार को इसकी जिम्मेदारी देने की जगह महिला स्व-सहायता समूहों को ही यह काम प्राथमिकता के आधार पर दिया जाना चाहिए। तभी यह महत्वकांक्षी योजना छत्तीसगढ़ में सफल हो पाएगी और लाखों छात्रों को इसका समुचित लाभ मिल पाएगा।
उम्मीद की जानी चाहिए कि स्कूली शिक्षा विभाग विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखकर इस योजना का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित करने में अपनी ओर से कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ेगी।