NAVPRADESH EXCLUSIVE : हाईकोर्ट के बैन के बाद भी जल संसाधन विभाग में पदोन्नतियां
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जीएडी को जानकारी दिए बिना कर रहे प्रमोट!
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जवाब मांगने पर भी विभागीय अफसर बैठे हैं खामोश
नवप्रदेश संवाददाता
रायपुर। सरकारी महकमें की मनमानी किस कदर बढ़ गई है इसका एक नमूना जल संसाधन विभाग PWD ने पेश किया है। ताबड़तोड़ तबादले की चर्चा के बीच अब महकमें में रोक के बाद भी तरक्की मिलना बदस्तूर जारी है। हाईकोर्ट high court के आदेश के बावजूद की जा रही पदोन्नति का एक स्याह पहलू और है।
सामान्य प्रशासन विभाग को भी बिना जानकारी दिये कर्मचारियों-अफसरों की पदोन्नति आदेश दे दिया गया है। जबकि पहले ही हाईकोर्ट high court से सिर्फ पदोन्नति नियम 5 के तहत आरक्षण को मुक्त रखा गया है। लेकिन सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश को भी दरकिनार कर जल संसाधन विभाग यानि वाटर रिसोर्स डिपार्टमेंट डेवलपमेंट डिपार्टमेंट ने अपने कर्मचारियों को प्रमोशन दे दिया है।
गंभीर विषय इसमें यह है कि सचिव सामान्य प्रशासन विभाग कमलप्रीत को भी ऐसी पदोन्नति सूची की कोई खबर नहीं पहुंची है। फिलहाल यह कहा जा सकता है कि तबादलों के साथ ही पदोन्नति देने का यह सिलसिला पूरी तरह अवैधानिक है।
यह है आदेश में साफ लिखा
जीएडी व्दारा जारी जारी परिपत्र क्रमांक एफ 4-1/2019 /1-3, दिनांक 23.02.2019 के बावजूद भी जल संसाधन विभाग ने पदोन्नति आदेश जारी कर सामान्य प्रशान विभाग के निर्देशों की अवहेलना की है। अत: इस संबंध में तत्काल तीन दिवस के भीतर प्रतिवेदन इस विभाग को उपलब्ध करवाने का कष्ट करें। उक्ताशय का आदेश खुद सचिव सामान्य प्रशासन विभाग डॉ.कमलप्रीत सिंह ने जारी किया है।
फोन स्विच ऑफ, जीएडी सचिव यह बोले
छत्तीसगढ़ शासन में प्रमोशन को लेकर हाईकोर्ट high court ने बैन लगा रखा है। हाई कोर्ट high court के आदेश को के मध्य नजर सामान प्रशासन विभाग ने सभी विभागों को यह सूचित किया है की प्रमोशन को लेकर हाईकोर्टके दिशा निर्देशों का पालन किया जाए और हाई कोर्ट high court ने प्रमोशन में नियम-5 के तहत आरक्षण को मुक्त रखा है, लेकिन सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश को भी अनदेखी कर दी गई है।
जब हमने सचिव से बात करनी चाहिए तो उनका फोन स्विच ऑफ आ रहा था। सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव कमलप्रीत ने फोन पर बताया कि जल संसाधन विभाग द्वारा भी इस संबंध में कोई भी विवरण नहीं दिया है। जबकि 3 दिवस के अंदर उन्हें प्रमोशन से संबंधित जानकारी देना चाहिए था। इसके बाद भी अभी तक कोई जानकारी नहीं पहुंची है।