Prisoner Leave Rules : तय तारीख तक नहीं लौटने पर बंदी को माना जाएगा फरार, सरकार ने जारी की अधिसूचना

Prisoner Leave Rules : तय तारीख तक नहीं लौटने पर बंदी को माना जाएगा फरार, सरकार ने जारी की अधिसूचना

Prisoner Leave Rules

Prisoner Leave Rules

Prisoner Leave Rules : प्रदेश सरकार ने जेल बंदियों के लिए छुट्टी का नया नियम लागू किया है (Prisoner Leave Rules)। नए नियम के अनुसार, सालभर में किसी भी बंदी को अधिकतम 42 दिनों की छुट्टी मिलेगी। छुट्टी खत्म होने के बाद नियत तारीख की शाम तक बंदी का जेल में वापस आना अनिवार्य होगा। यदि बंदी समय पर वापस नहीं लौटता है तो उसे फरार माना जाएगा और संबंधित थाने में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। छुट्टी के दौरान बंदी के फरार होने की स्थिति में उसके जमानतदार के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाएगा (Prisoner Leave Rules)।

जेल अधीक्षक जमानतदार द्वारा दी गई जमानत जब्त करने के लिए तहसीलदार न्यायालय में आवेदन देगा। इसके बाद न्यायालय संपत्ति कुर्की की कार्रवाई करेगा। जेल विभाग ने छत्तीसगढ़ बंदी छुट्टी नियम 1989 में संशोधन किया है। इसमें बंदियों को कैलेंडर वर्ष में अधिकतम 42 दिनों की छुट्टी की अनुमति दी गई है (Prisoner Leave Rules)। यह छुट्टियां तीन हिस्सों में विभाजित की गई हैं – जनवरी से अप्रैल, मई से अगस्त और सितंबर से दिसंबर तक। प्रत्येक हिस्से में 14-14 दिन की छुट्टी मिलेगी। दो छुट्टियों के बीच कम से कम तीन माह का अंतराल जरूरी होगा।

सक्षम प्राधिकारी पात्र बंदी को शर्तों के अधीन छुट्टी देगा, जिसमें घर जाने और वापस लौटने की निश्चित समयसीमा तय होगी। जेल से छुट्टी पर छोड़े गए बंदी को मंजूर स्थान पर पहुंचने की सूचना ग्राम पंचायत सरपंच, कोटवार या शहरी क्षेत्र में पार्षद और वार्ड सदस्य को देनी होगी (Prisoner Leave Rules)। साथ ही प्रतिदिन उसकी उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य होगा। अनुपस्थित रहने पर निकटतम थाने को तुरंत सूचित किया जाएगा।

छुट्टी अवधि में दो दिन यात्रा समय भी जोड़ा जाएगा। कुछ श्रेणियों के बंदी इस नियम के पात्र नहीं होंगे। बंदी द्वारा छुट्टी का उपयोग करने के बाद महानिदेशक जेल नियम चार के तहत शर्तें पूरी होने पर अगली छुट्टी मंजूर कर सकते हैं (Prisoner Leave Rules)।

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