Power Crisis : CM बघेल ने किया गहलोत का आत्मीय स्वागत, इनके साथ होगी बैठक
रायपुर/नवप्रदेश। Power Crisis : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आत्मीय स्वागत किया। मुख्यमंत्री गहलोत आज दोपहर रायपुर पहुंचे। वे एयरपोर्ट से सीधे मुख्यमंत्री निवास पहुंचे। इस अवसर पर वनमंत्री मोहम्मद अकबर, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू सहित छत्तीसगढ़ और राजस्थान के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
यहां से गहलोत CM भूपेश बघेल और ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक होंगे। करीब 6 बजे वो वापस जयपुर के लिए रवाना होंगे। इस दौरान गहलोत अपने राज्य के बिजली संयंत्रों के लिए कोयले की मांग कर सकते हैं।
सरगुजा स्थित परसा कोल ब्लॉक रिजर्व क्षेत्र का है हिस्सा
सूत्रों की मानें तो इस बैठक में राजस्थान और छत्तीसगढ़ के बीच कोयले की आपूर्ति (Power Crisis) को लेकर चल रही बाधाओं को दूर करने के लिए बातचीत हो सकती है। मामला सरगुजा स्थित परसा कोल ब्लॉक का है, जो हाथी रिजर्व क्षेत्र का हिस्सा है। इस वजह से राज्य सरकार यहां कोयला खदानन की अनुमति नहीं दे रही है। राजस्थान मुख्य रूप से थर्मल बिजली के उत्पादन के लिए आवश्यक कोयले के लिए मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ पर निर्भर है। मामला विवादित है इस वजह से इस मुलाकात को लेकर काफी गोपनीयता बरती जा रही है।
हालांकि राजस्थान सरकार की तरफ से गहलोत के दौरे का कार्यक्रम जारी किया गया है लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से इस बैठक की कोई सूचना सार्वजनिक नहीं की गई है। सूत्रों के अनुसार बैठक दोपहर 2:00 बजे होनी है। उसके बाद गहलोत शाम 5:00 बजे जयपुर लौट जाएंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी आज शाम मुंबई के दौरे पर जा रहे हैं।
बता दें कि केंद्र सरकार ने राजस्थान राज्य विद्युत निगम को छत्तीसगढ़ स्थित परसों कोल ब्लॉक का आवंटन किया है यह कोल ब्लॉक सरगुजा के घने वन क्षेत्र में है । स्थानीय आदिवासी भी इसका विरोध कर रहे हैं। आदिवासी कोल ब्लॉक आवंटन के विरोध में लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। वे इसके विरोध में राजधानी तक पैदल मार्च कर चुके हैं। वही राजस्थान सरकार कोयला खनन शुरू नहीं होने की स्थिति में राज्य में बिजली उत्पादन प्रभावित होने की बात कह रही हैं। इस मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी पत्र लिख चुके हैं।
राजस्थान में हो सकता है बिजली संकट
जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार ने राजस्थान को 2015 में चार हजार 340 मेगावाट बिजली उत्पादन इकाइयों के लिए छत्तीसगढ़ के परसा ईस्ट-कांटा बासन (पीईकेबी) में 15 एमटीपीए तथा परसा में 5 एमटीपीए क्षमता के कोल ब्लॉक आवंटित किए थे। इनमें से परसा ईस्ट-कांटा बासन कोल ब्लॉक के प्रथम चरण में खनन इस महीने पूरा हो चुका है और यहां से राजस्थान को कोयले की आपूर्ति अब नहीं हो सकेंगी, जिससे बिजली संकट (Power Crisis) पैदा हो सकता है।