Politics on Electricity : नेता प्रतिपक्ष का प्रहार- राहत की जगह बोझ…कांग्रेस का पलटवार- तब कैंडल मार्च कहां था ?
रायपुर/नवप्रदेश। Politics on Electricity : प्रदेश में बिजली बढ़ोतरी को लेकर भारी सियासत चल रही है। एक तरफ विपक्ष के नेता प्रेस कांफ्रेंस कर राज्य सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि बिजली में 8 पैसे की राहत देने के बजाय रेट में 8% की बढ़ोतरी की गई है। वहीं कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने उल्टा सवाल पूछा कि रमन सरकार में हर साल औसतन 6% की वृद्धि के समय बीजेपी का कैंडल मार्च कहां था?विपक्ष के नेता धर्मलाल कौशिक और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने भाजपा के रायपुर कार्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान जानकारी दी कि आने वाले दिनों में बिजली के मुद्दे पर राजनीति सुलगेगी। रायपुर के अलावा पार्टी के नेता हर जिला मुख्यालय में धरना देंगे।
किसानों के उत्पादन में आई कमी
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने बताया कि प्रदेश के किसानों को बिजली (Politics on Electricity) नहीं मिल रही है। यहीं कारण है कि किसानों के उत्पादन में 15 फीसदी की कमी आई है। कांग्रेस बिजली बिल आधा का वादा कर सत्ता में आया है, लेकिन वादा निभाना तो दूर की बात, सरकार ने आम जनता के ऊपर 1 हजार करोड़ से अधिक राशि का भार डाल दिया है। नेता प्रतिपक्ष ने ये भी दावा किया कि किसानों को भी बिजली सही ढंग से नहीं मिल पा रही है। इससे उन्हें नुकसान हो रहा है। कौशिक ने प्रदेश में बिजली कटौती के दावे के साथ कहा कि प्रदेश में इस वक्त 3 हजार 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। कांग्रेस की सरकार में 440 मेगावाट की यूनिट बंद कर दी गई।
सरप्लस बिजली की प्रतिष्ठा हमारी सरकार में मिली : धामरलाल कौशिश
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि विद्युत नियामक आयोग (Politics on Electricity) ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए घरेलू बिजली की औसत दर 6.41 निर्धारित की है जो पिछले वर्ष 5.93 यूनिट थी अब यह दर पिछले साल की तुलना में 48 पैसा अधिक होगा। उन्होंने कहा कि जब हम सरकार में थे, तब पूरे प्रदेश में सरप्लस इलेक्ट्रिक स्टेट के रूप में ख्याति प्राप्त कर चुके थे, लेकिन जब से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आयी है बिजली कटौती से समाज का हर वर्ग परेशान है। प्रदेश के किसी शहर, गांव, टोले में विद्युत की आपूर्ति सही नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के इस फैसले से किसान से लेकर मजदूर तक हर व्यक्ति परेशान है।
अब तो परिस्थितियां यह हो चली है कि नए कनेक्शन लेने में भी आम उपभोक्ताओं के काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कर्ज में डूबी प्रदेश की कांग्रेस सरकार को जरा भी प्रदेश वासियों की चिंता नहीं है। आखिरकार कोरोना जैसे हालत के बीच बिजली बिल की दर में बढ़ोतरी कर प्रदेश की सरकार क्या साबित करना चाहती है वह खुद ही जानती है। सबको अंधेरे में रख कर आखिरकार किस उजाले की बात प्रदेश की सरकार करती है, वह समझ से परे है। हालात तो इतने दुखदायी है कि प्रदेश की सरकार अब ट्रांसफार्मर तक भी नहीं बदल पा रही है इससे दुखद और क्या हो सकता है। नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि प्रदेश की सरकार को जनहित में बिजली बढ़ोतरी का फैसला वापस लेना चाहिए।
कैंडल मार्च से जलाएंगे बिजली बिल
पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने बताया, 17 तारीख को रायुपर में धरना प्रदर्शन के अलावा बिजली के बढ़े दामों का विरोध में कैंडल मार्च निकालेंगे। हम पुरजोर तरीके से इसका विरोध करेंगे। इस प्रदर्शन में सिर्फ रायपुर के नगर निगम के 70 वार्ड, बिरगांव नगर निगम के 40 सहित माना नगर पंचायत के 15 वार्डों में भाजपा कार्यकर्ता जंगी प्रदर्शन व कैडंल मार्च में शामिल होंगे। बिजली के बढ़े हुए बिलों को लेकर भाजपा विद्युत विभाग के दफ्तर भी जाएगी। वहां बिलों की होली जलाकर बढ़े हुए दामों का विरोध किया जाएगा।
बिजली के दाम 15 साल में 9 गुना बढ़ाए : धनंजय सिंह ठाकुर
दूसरी और नेता प्रतिपक्ष के बातों पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने सवाल किया कि रमन सरकार के 15 वर्षों में 9 बार 90 प्रतिशत बिजली (Politics on Electricity) के दाम बढ़ाए। इस तरह हर वर्ष करीब 6 प्रतिशत की औसत वृद्धि हुई, तब भाजपा का कैंडल मार्च कहां था? उन्होंने नेता प्रतिपक्ष उल्टा सवाल किया कि बीजेपी किस आधार पर राज्य सरकार पर बिजली के दामों में वृद्धि करने का आरोप लगा रहे है।
बिजली उपभोक्ता रमन सरकार के महंगी बिजली से त्रस्त थे। तभी तो जनता को राहत देने कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में बिजली बिल हाफ योजना लेकर आई जिससे बीते ढाई साल में राज्य के 40 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को राहत मिला। 1900 करोड़ की सब्सिडी मिला। बिजली दरों में हुई आंशिक वृद्धि पर भी बिजली बिल हाफ योजना लागू होगी। बिजली दरों में हुई आंशिक वृद्धि के बावजूद छत्तीसगढ़ में बिजली की कीमत भाजपा शासित राज्यों से कम है पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ में 53 पैसा प्रति यूनिट बिजली दर कम है।
क्यों कहा- कैंडल मार्च निकालने का नैतिक अधिकार नहीं?
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा है कि नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक को वास्तविक बिजली दरों में वृद्धि से पीड़ा है तो उन्हें मोदी सरकार के द्वारा मचाई गई लूटमार के खिलाफ ताल ठोकना चाहिए। दिल्ली जाकर मोदी सरकार को लालटेन दिखाना चाहिए। मोदी सरकार ने ही तो कोयले की कीमत में 28 प्रतिशत से अधिक वृद्धि, डीजल में 820 प्रतिशत टैक्स की वृद्धि की, कोयला में लगने वाले ग्रीन एनर्जी सेस में 720 प्रतिशत बढ़ोतरी की, रेलवे में कोयला परिवहन में चार साल में 40 प्रतिशत से अधिक बढ़ोत्तरी जिसके कारण छत्तीसगढ़ में बिजली की दामों में आंशिक वृद्धि हुई है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा है कि भाजपा को कैंडल मार्च निकालने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
मिट्टी तेल महंगा कर भाजपा ने तो गरीबों के कैंडल की रौशनी भी छिनी। मोदी सरकार ने तो गरीबो के मिट्टी तेल आबंटन बन्द कर दिया है। अब जनता तो लालटेन भी नही जला सकती। नेताप्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक मोदी सरकार के कारण यहां पर बिजली के दरों पर आंशिक वृद्धि पर राजनीति कर रहे है वही उनकी केंद्र सरकार विद्युत अधिनियम 2020 लागू कर देश भर के बिजली घरों को चंद पूंजीपतियो को सौपने की तैयारी कर रही है।