Politics of Maharashtra : महाराष्ट्र में फिर सियासी भूचाल के आसार
Politics of Maharashtra : महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर सियासी भूचाल के आसार नजर आने लगे है। शिवसेना के दो फाड़ होने के बाद एकनाथ श्ंिादे गुट को शिवसेना का नाम और निशान मिल गया है और एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी बन चुके है। किन्तु अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के भी दो फाड़ होने की अटकलें लगाई जा रही है। हालांकि राकांपा प्रमुख शरद पवार अभी भी महाअघाड़ी गठबंधन के एकजूट रहने का दावा कर रहे है लेकिन हालही में उन्होने जो बयान दिए है उसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। महाराष्ट्र में जल्द ही मुंबई महानगरपालिका के चुनाव होने जा रहे है इसके बाद लोकसभा चुनाव होने है जिसके लिए भाजपा ने कमर कस ली है लेकिन उसे अब यह लग रहा है कि महाअघाड़ी गठबंधन के कारण बीएमसी और लोकसभा चुनाव में उसे वांछित सफलता न मिल पाए।
इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में भी अंतर्कलह गहराता जा रहा है। राकांपा सुप्रीमों शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। अजीत पवार पाला बदलने के लिए पर तौल रहे है। गौरतलब है कि जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे और वहां त्रिशंकु सरकार बनने की स्थिति निर्मित हुई थी जब अजीत पवार राकांपा से अलग होकर भाजपा के साथ चले गए थे और देवेन्द्र फडऩवीस के नेतृत्व में सरकार बनाने का दावा कर दिया था। यह अलग बात है कि देवेन्द्र फडऩवीस की वह सरकार एक दिन ही चल पाई और अजीत पवार फिर से राकांपा में चले गए थे। इसके बाद शिवसेना, राकांपा और कंाग्रेस ने मिलकर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार बनाई थी जिसमें अजीत पवार को उपमुख्यमंत्री पद मिला था।
उद्धव ठाकरे की सरकार गिरने और उनकी पार्टी के टूृटने के बाद से ही अजीत पवार भाजपा के संपर्क में रहे है। हालही में उन्होने मोदी सरकार के समर्थन में बयान भी दिए है। इससे यह अटकलें लगाई जा रही है कि वे अपने कुछ साथी विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो सकते है। दो दिन पहले ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का पुणे में एक बड़ा कार्यक्रम हुआ लेकिन उसमे अजीत पवार ने शिरकत नहीं की। इस बीच उद्धव ठाकरे के सहयोगी संजय राउत ने एक ट्वीट किया है कि भाजपा जिसने पहले शिवसेना को तोड़ा है वह अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को तोडऩे की फिराक में है। राकांपा के कई नेता भाजपा में जा सकते है।
इन तमाम बातों को देखते हुए यही लगता है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं है। दरअसल वहां भी पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। शरद पवार अब उम्रदराज हो चुके है। उनका स्वास्थ्य भी साथा नहीं दे रहा है यह बात अलग है कि वे अभी भी सक्रीय है। उनके बाद पार्टी में उनका उत्तराधिकारी कौन होगा इसी को लेकर खींचतान चल रही है।
शरद पवार की पुत्री सांसद सुचित्रा सुले उनकी स्वाभाविक उत्तराधिकारी है लेकिन शरद पवार के भतीजे अजीत पवार पार्टी की कमान अपने हाथो में चाहते है। संभवत: इसी बात को लेकर उनके अपने चाचा शरद पवार के साथ मतभेद गहरा रहे है। ऐसी स्थिति में यदि अजीत पवार पाला बदलते है तो निश्चित रूप से महाराष्ट्र की राजनीति में फिर एक बड़ा भूचाल आ सकता है।