दिल्ली में फिल्म फुले पर सियासी बवाल : ब्राह्मण विरोधी नफरती सीन तुरंत हटाया जाए- अनूप पांडेय

दिल्ली में फिल्म फुले पर सियासी बवाल : ब्राह्मण विरोधी नफरती सीन तुरंत हटाया जाए- अनूप पांडेय

प्रेसवार्ता कर – पीएम को ज्ञापन देकर फिल्म के प्रसारण पर रोक लगाने की मांग भी की

नई दिल्ली। (Brahmin Raksha Manch protested against Brahmins through the film Phule) ब्राह्मण रक्षा मंच ने फिल्म फुले से ब्राह्मण विरोधी नफरती दृश्य तुरंत हटाने की मांग की है। रविवार को ब्राह्मण रक्षा मंच के महन्त सतीश दास जी महाराज, महन्त सूरज गिरि जी महाराज, महन्त भोला गिरि जी महाराज, महन्त भूदेव शर्मा जी, आदिति शर्मा जी, पण्डित श्री शिवहरी शास्त्री जी , बीना शर्मा जी और भाजपा के वरिष्ठ नेता अनूप पांडेय ने फिल्म फुले का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि इस फिल्म के खिलाफ ब्राह्मण समाज जगह-जगह विरोध करेगा और ब्राह्मणों के प्रति नफरत की जो भावना दिखाने का प्रयास किया गया है, जब तक वह सीन हटाया नहीं जाएगा या फिर जब तक इस फिल्म के प्रसारण पर रोक नहीं लगती है तब तक ब्राह्मण समाज के लोग चैन से नहीं बैठेंगे।
इस सम्बंध में ब्राह्मण रक्षा मंच ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन देकर फिल्म के प्रसारण पर रोक लगाने की मांग भी की है।
ब्राह्मण रक्षा मंच के वक्ताओं ने
यह भी कहा कि ब्राह्मण समाज का एक गौरवशाली इतिहास रहा है, जिसे धूमिल करने का प्रयास किया गया है। इस अपमान को केवल ब्राह्मण समाज ही नहीं बल्कि सनातन संस्कृति और धर्म से जुड़ा हर वर्ग कतई बर्दाश्त नहीं कर सकता है। ब्राह्मणों ने ज्योतिबा फुले को 20 स्कूल खोलने में मदद की थी और वे खुश थे। जब फुले ने सत्य शोधक समाज खोला तो ब्राह्मण वर्ग ही इसके स्तंभ थे। ब्राह्मण समाज ने सदैव ही समाज के सभी वर्ग को एक साथ लेकर धर्म- कर्म और संस्कृति की अलख जगाने का काम किया है। ब्राह्मण समाज के संस्कार और संस्कृति का एक पवित्र इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि किसी भी जाति, समाज और वर्ग की भावना को ठेस पहुंचाने वाली फिल्मों पर रोक लगनी चाहिए। साथ ही यह मांग भी है कि इस फिल्म को रिलीज न किया जाए क्योंकि इस फिल्म में ब्राह्मण समाज के प्रति नफरत दिखाने का प्रयास किया गया है। यही नहीं, फिल्म में ब्राह्मण समाज को दिखाया गया है कि महिलाओं को शिक्षा से वंचित रखने का प्रयास किया जाता रहा है। सामाजिक कुप्रथाओं की देन ब्राह्मण समाज है जबकि यह सर्वथा गलत है। ब्राह्मण समाज ने हमेशा सामाजिक समरसता भाईचारा एवं समाज को अच्छी दिशा देने का काम किया है। फुले पिक्चर में ब्राह्मणों के प्रति नफरत और कुप्रथाओं को पोषित और पल्लवित करने का चित्रण दिखाया गया है। इस पिक्चर के माध्यम से सनातन धर्म को बदनाम करने की साजिश किया जा रहा है। सनातन धर्म में नारी शक्ति नारी बंधन सदैव से रहा है नारियों की पूजा हमारे यहां होती लेकिन पिक्चरों के माध्यम से समाज में विद्वेष पूर्ण भावना को जागृत करने का काम फुले पिक्चर के डायरेक्टर अनन्त महादेवन द्वारा किया गया है। वक्ताओं ने आगे कहा कि अनंत महादेवन द्वारा वही काम किया गया है जो वर्षों पहले इस देश में मुस्लिम आक्रांता और अंग्रेज किया करते थे।

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