आप पिटते रहिए जनाब, राजधानी की पुलिस तो सो रही है...!

आप पिटते रहिए जनाब, राजधानी की पुलिस तो सो रही है…!

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दिव्यांग बच्चों के हमदर्द पर बाइकर्स गैंग का हमला

 रायपुरा चौक के पास कार रोककर बेरहमी से पिटाई

 सात साल की बेटी रोती रही, पिता को पीटते रहे गुंडे

रायपुर/नवप्रदेश। आप क्या समझते हैं… आप राजधानी में रहते हैं तो आप महफूज हैं! जी नहीं जनाब… यहां की पुलिस (police) तो कभी वीआईपी ड्यूटी तो कभी राज्योत्सव के बहाने सो रही है।

हम ऐसा यूं ही नहीं कह रहे हैं, आइये आपको ऐसे ही एक वाकए से वाकिफ कराते हैं जिसमें एक भलामानुष पिट (thrash) गया और रायपुर पुलिस सोती (remain asleep) रही। जिन दिव्यांग बच्चों को परिवार वालों ने सहारा नहीं दिया उन अनजान बच्चों के हमदर्द राकेश भइया को चंद गुंडों ने बेहरहमी से पीटा (thrash) । शनिवार की रात नशे में धुत्त 3-4 युवक तेज रफ्तार बाइक से कार के अगल-बगल पहुंचे और रोकने का इशारा किए।

कार रोकते ही बाइकर्स तेजी से उतरे और समाज सेवी राकेश सिंह ठाकुर पर टूट पड़े। जब रायपुरा चौक के करीब अंडर ब्रिज में सरेआम गुंडे राकेश को पीट रहे थे तब उस वक्त कार में पिता को मार खाता देख सात साल की बेटी रोती-चीखती रही।

यह वाक्या है शनिवार रात 9.45 से 10 बजे के बीच का। जानकारी के मुताबिक राकेश सिंह ठाकुर पिता श्रीमान सिंह ठाकुर निवासी सरोना मकान नंबर 157 पानी टंकी के पास अपनी 7 साल की बेटी को लेकर फिजियोथेरपी के लिए प्रियदर्शनी नगर से लौट रहे थे।

कार क्रमांक सीजी-04 एचयू-3615 रायपुर ओव्हर ब्रिज के बायपास में पहुंचे तो तेजी से कुछ लड़के तेज रफ्तार बाइक से उनकी कार को क्रॉस किये। फिर आगे अंडरब्रिज की मोड़ के पास कार को दोनों तरफ से कवर करते हुए बाइकर्स ने राकेश को रोक लिया। काली रंग की पल्सर बाइक में सवार लड़के नशे में भी थे।

जैसे ही रोकी कार सबके सब टूट पड़े

राकेश जैसे ही कार रोक वजह समझते सभी उनपर टूट पड़े। बेरहमी से पिटाई (thrash) कर रहे युवकों ने राकेश को गंभीर चोट पहुंचाने की नियत से बेतहाशा मार रहे थे। यह सब देखकर कार में बैठी राकेश की 7 वर्षीय बेटी रोने-चिल्लाने लगी। फिर भी बाइकर्स गैंग के युवक रुके नहीं। तब राकेश ने बेटी को चिल्लाकर मोबाइल में फोटो खींचने के लिए कहा और बेटी जब तक मोबाइल कैमरा ऑन करती हमलावर उसे छोड़कर भाग निकले। हमले में राकेश को चेहरे, पीठ, हाथ और पैर में गंभीर चोट आई है।

एफआईआर, जांच तो दूर सोती रहीं थाना प्रभारी

हमले के बाद घायल राकेश जैसे तैसे खुद को सम्हाले और रोती-बिलखती मासूम बेटी को शांत करवा डीडी नगर थाना पहुंचे। लेकिन यहां पुलिस सुप्त अवस्था (remain asleep में मिली। बताते हैं कि सूजन, खून से लथपथ राकेश को देखने के बाद पूरा हाल थाना प्रभारी को सुनाकर एफआईआर के लिए निवेदन किया तो टीआई मंजूलता राठौर ने एफआईआर लिखने से इंकार करते हुए शिकायत आवेदन देने और जांच के बाद एफआईआर लिखने की बात कह राकेश का बिना एमएलसी करवाए रवाना कर दीं।

दूसरे दिन भी वही हाल

उनके मामले में जांच और हमलावरों की जानकारी के लिए जब आज रविवार को राकेश सिंह अपने मित्रों के साथ डीडी नगर थाना पहुंचे तब स्टाफ ने बताया मैडम केबिन में सो रही हैं (sleeping) ।

दो घंटे बाद जब पुन: आवेदक गया तब भी मैडम केबिन का दरवाजा अंदर से बंद कर सो रही थीं स्टाफ ने कहा मोबाइल नंबर में कॉल कर लीजिए। जब उन्हें उनके सरकारी नंबर पर कॉल किया गया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। मामले की जानकारी के लिए जब उनसे सरकारी नंबर पर शाम 6.50 बजे कॉल किया गया तब भी वे कॉल रिसीव नहीं कीं।

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