धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र कांडुलपार में खुला पुलिस कैंप, 5 माओवादियों ने हथियार के साथ किया आत्मसर्पण

Police camp opened in Kandulpar
जनताना सरकार अध्यक्ष एवं डी.के.एम.एस अध्यक्ष सहित 5 माओवादियों ने जुड़े मुख्यधारा में
-नियद नेल्लानार योजना के वृहत प्रचार-प्रसार एवं विकास कार्य के साथ सुरक्षा बलों द्वारा स्थानीय लोगों के दिलों में जगाया गया विश्वास है
नारायणपुर/नवप्रदेश। Police camp opened in Kandulpar: नारायणपुर में अब तक कुल 92 बड़े/छोटे कैडर के माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया। माओवादियों को प्रोत्साहन राशि 50 हजार का चेक प्रदाय किया गया। वहीं उन्हें नए नक्सल उन्मुलन नीति के तहत मिलने वाली सभी प्रकार की सुविधाएं दी जाएगी। सुन्दरराज पी. (भा.पु.से.) पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज जगदलपुर, अमित तुकाराम काम्बले (भा.पु.से.) पुलिस उप महानिरीक्षक कांकेर रेंज कांकेर के मार्गदर्शन के मार्गदर्शन में नारायणपुर पुलिस द्वारा आईटीबीपी, बीएसएफ, एसटीएफ की संयुक्त बल साथ माओवादियों के विरूद्ध क्षेत्र में लगातार नक्सल विरोधी ”माड़ बचाव” अभियान चलाये जा रहे है।
नक्सल उन्मुलन अभियान और अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैम्प स्थापित होने से पुलिस के बढ़ते प्रभाव व नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों (Police camp opened in Kandulpar) के द्वारा भेदभाव करने तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर आज दिनांक 11.04.2025 को प्रभात कुमार (भा.पु.से.) पुलिस अधीक्षक नारायणपुर, रोबिनसन गुडिय़ा (भा.पु.से.), सुशील कुमार नायक अति. पुलिस अधीक्षक नारायणपुर, उप पुलिस अधीक्षक कुलदीप बंजारे अमृता पैकरा उप पुलिस अधीक्षक के समक्ष भरमार हथियार व आइएडी मे प्रयुक्त किये जाने वाले एक नग कुकर के साथ आत्मसमर्पण किये। आत्मसमर्पण करने पर सभी को प्रोत्साहन राशि 50 हजार रुपये का चेक प्रदान किया गया एवं उन्हें नक्सल उन्मूलन नीति के तहत् मिलने वाली सभी प्रकार की सुविधाएं दिलाया जायेगा। इस अवसर पर अन्य अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
छत्तीसगढ़ शासन की नक्सल उन्मूलन नीति नियद नेल्लानार के वृहत प्रचार-प्रसार एवं बड़े कैडर के माओवादियों के आत्ससमर्पण पश्चात सरकार द्वारा उनको दी जा रही विभिन्न सुविधाओं से पुनर्वास की प्रक्रिया की सरलता से प्रभावित होकर ये सभी माओवादी आत्मसमर्पण किये है। माओवादियों द्वारा आत्मसमर्पण के पीछे माड़ और नारायणपुर जिले में चलाये जा रहे विकास कार्य बड़ा कारण रहा तेजी से बनती सड़कें, गावों तक पहुँचती विभिन्न सुविधाओं ने इन्हें प्रभावित किया है। संगठन के विचारों से मोहभंग एवं मिली निराशा, संगठन के भीतर बढ़ते आंतरिक मतभेद इनके आत्मसमर्पण का बहुत बड़ा कारण है। छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति ने उन्हें नई उम्मीद दी है। आत्मसमर्पित माओवादी क्षेत्रान्तर्गत सक्रिय रूप से कार्यरत रहे है।
आने वाले समय में और भी नक्सलियों के संगठन छोड़कर आत्मसमर्पण (Police camp opened in Kandulpar) करने की गोपनीय आसूचना है। आत्मसमर्पण कराने में नारायणपुर पुलिस एवं आईटीबीपी, बीएसएफ का विशेष योगदान है। इस प्रकार नक्सलियों का हो रहे आत्मसर्पण से शीर्ष माओवादी कैडर के लिए बड़ा नुकसान हुआ है। नक्सल मुक्त माड़ बचाव अभियान की कल्पना साकार रूप ले रहा है।
एसपी नारायणपुर प्रभात कुमार (भा.पु.से.) ने कहा कि सरकार की पुनर्वास नीति के फायदे, घर, नौकरी ने इन्हें आकर्षित किया है। इन्होने आत्मसमर्पण माड़ एवं खुद की भलाई के लिए सोचा है, और ”माड़ बचाओ अभियान ने उन्हें अब एक नई आस दी है। माओवादी की विचारधारा में भटके नक्सलियों को उनके घर वाले भी वापस लाना चाहते है। हम सभी नक्सली भाई-बहनों से अपील करते हैं कि उनका बाहरी लोगों की भ्रामक बातों और विचारधारा से बाहर निकलने का समय आ गया है। अब समय माड़ को वापस उसके मूलवासियों सौंप देने का है जहाँ वे निर्भीक रूप से सामान्य जीवन व्यतीत कर सके।