Pneumonia Day : बच्चों को निमोनिया से कैसे बचाएं? विशेषज्ञ बता रहे हैं... |

Pneumonia Day : बच्चों को निमोनिया से कैसे बचाएं? विशेषज्ञ बता रहे हैं…

Pneumonia Day: District Immunization Officer Dr Ashish Kumar's advice...

Pneumonia Day

रायपुर/नवप्रदेश। Pneumonia Day : कोरोना के इस दौर में लोगों को तमाम तरह की श्वसन संबंधी जटिलताओं का सामना करना पड़ा। कई संक्रमितों में निमोनिया की समस्या भी देखी गई, जिसके कारण कोविड-19 के गंभीर रूप लेने का खतरा बढ़ जाता है। दुनियाभर में हर साल लाखों लोगों की मौत इस श्वसन संक्रमण के कारण हो जाती है।

कोविड के इस दौर में निमोनिया के मामलों में इजाफा देखने को मिल रहा है। दुनियाभर में लोगों को निमोनिया के बारे में जागरूक करने के लिए हर साल 12 नवंबर को ‘वर्ल्ड निमोनिया डे’ मनाया जाता है। 

निमोनिया सांस से जुड़ी बीमारी है मौसम बदलने के साथ ही बच्चों में सर्दी लगने से उन्हें निमोनिया हो जाने की सम्भावना रहती है। आमतौर पर बैक्टीरियल वायरल से यह होता है जो 10-12 दिनों में ठीक भी हो जाता है। बच्चों में तेज बुखार, खांसी, सांस का तेज तेज चलना और पसलियों का तेज चलना निमोनिया के लक्षण होते है। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। जिसके कारण सर्दी के दिनों में उनमें निमोनिया होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है।

जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ आशीष कुमार वर्मा ने बताया, 5 साल से कम उम्र के बच्चोंं में निमोनिया होने की संभावना अधिक रहती है। समय पर टीकाकरण और बचाव ही निमोनिया का कारगर इलाज है। साथ ही ऋतु परिवर्तन होने पर बच्चों को उसी के अनुरूप कपड़े पहनाना चाहिए। ठंड के मौसम में जब भी बाहर जाए बच्चों को अच्छी तरह गर्म कपड़े पहनाएछ।

कान को ढक के रखें, सर पर टोपी लगाए। उन्हें सर्दी खांसी होने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेकर उसका उपचार शुरू कर दें, ताकि समय रहते हुए उसका इलाज सुनिश्चित किया जा सके। निमोनिया (Pneumonia Day) आमतौर पर एक बैक्टीरियल वायरल बीमारी होता है जो सामान्यत 10 -12 दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन उसको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। नियमित देखभाल साफ सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

निमोनिया के क्या लक्षण होते हैं?

डॉ आशीष कुमार बताते हैं, संक्रमण पैदा करने वाले रोगाणु के प्रकार, रोगी की आयु और उसके ओवरऑल हेल्थ के आधार पर निमोनिया (Pneumonia Day) के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। इसके हल्के लक्षण आमतौर पर सर्दी या फ्लू जैसे ही होते हैं, हालांकि इसकी अवधि लंबी होती है। इसके अलावा निमोनिया के बढ़ने की स्थिति में लक्षण गंभीर हो सकते हैं, जिसके बारे में लोगों को विशेष सावधान रहने की आवश्यकता है।
सांस लेने या खांसने पर सीने में दर्द
कफ के साथ खांसी की समस्या।
थकान, बुखार और कंपकंपी।
सांस लेने में तकलीफ।
ऐसे लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श ले और उपचार शुरू करें।

ऐसे करें बचाव

  • समय पर बच्चों का टीकाकरण कराएं।
  • निमोनिया से बचाव करने के लिए पीसीवी के तीनों टीके अवश्य लगवाएं।
  • टीके बीमारी से बचाव का काम करता है।
  • सफाई का ध्यान रखें।
  • खांसते और छींकते समय बच्चों की नाक और मुंह पर रूमाल या कपड़ा रखें।
  • कीटाणुओं को फैलने से रोकें।
  • बच्चों के हाथों बार-बार साफ करते रहें।
  • पोषण का ध्यान रखें
  • प्रथम छह माह तक मां का ही दूध दें।
  • मां का दूध बच्चों में रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ता है।
  • मां के दूध में एंटीबॉडीज होती हैं जो बच्चों को रोगों से लडऩे में मदद करती है।
  • सर्दी में गर्म कपड़े पहनाए।
  • ठंडी हवा से बचाव के लिये कान को ढंके।
  • पैरों के गर्म मोज़े पहनाएं।
  • नंगे पैर ना घूमने दे ठंडे पानी से दूर रखें।

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