ब्रुनेई में मस्जिद देखने पहुंचे PM नरेंद्र मोदी, क्या है इसकी खासियत? पीएम मोदी का ब्रुनेई दौरा बेहद खास
ब्रुनेई में भारतीय उच्चायोग के नए परिसर का उद्घाटन
नई दिल्ली/ब्रूनेई। PM Narendra Modi visited Brunei: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रुनेई के दो दिवसीय दौरे पर हैं। मंगलवार को नरेंद्र मोदी ब्रुनेई की राजधानी बंदर सेरी बागवान पहुंचे। इस बीच नरेंद्र मोदी का ब्रुनेई दौरा बेहद खास बताया जा रहा है। क्योंकि, यह भारतीय प्रधानमंत्री की ब्रुनेई की पहली यात्रा है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 40 साल पूरे होने के अवसर पर ब्रुनेई में भारतीय उच्चायोग के नए परिसर का उद्घाटन किया। नरेंद्र मोदी ने उच्चायोग को दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों का प्रतीक बताया। साथ ही यह एनआरआई को भी सेवा प्रदान करेगा। नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोटा स्टोन से बनी उच्चायोग की इमारत भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करती है।
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi visited Brunei) राजधानी के उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद पहुंचे। उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद ब्रुनेई की दो राष्ट्रीय मस्जिदों में से एक है। इसके साथ ही यह ब्रुनेई का राष्ट्रीय प्रतीक भी है। यह मस्जिद देश की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी मस्जिदों में से एक है। इस मस्जिद का नाम उमर अली सैफुद्दीन तृतीय के नाम पर रखा गया है। जो ब्रुनेई के 28वें सुल्तान और वर्तमान सम्राट सुल्तान हसनल बोलकिया के पिता थे। यह मस्जिद देश में इस्लामी आस्था का प्रतीक है।
इस मस्जिद में पहुंचकर नरेंद्र मोदी ने खुद वहां की तस्वीरें शेयर की हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस मस्जिद का निर्माण 4 फरवरी 1954 को शुरू हुआ था और यह लगभग 5 साल में बनकर तैयार हुई थी। उस समय इस मस्जिद के निर्माण में 11 करोड़ से ज्यादा का खर्च आया था। मस्जिद का निर्माण मलेशियाई वास्तुकला फर्म बूटी एडवड्र्स एंड पार्टनर्स द्वारा किया गया था। मस्जिद के निर्माण में 700 टन स्टील और 1500 टन कंक्रीट का इस्तेमाल किया गया है। साथ ही मस्जिद की नींव 12-80 फीट गहरी है।
ब्रुनेई में इस मस्जिद का उद्घाटन 1958 में सुल्तान उमर अली सैफुद्दीन 3 के 42वें जन्मदिन के दौरान किया गया था। इस मस्जिद का डिज़ाइन भारतीय मुगल साम्राज्य से मिलता जुलता है। मस्जिद में हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। मस्जिद के आकार की बात करें तो यह 69 गुना 24 मीटर है। मस्जिद में 3000 श्रद्धालु एक साथ बैठ सकते हैं। मस्जिद की अधिकतम ऊंचाई 171 फीट है और गुंबद सोने से ढका हुआ है।