ट्रंप के टैरिफ बम पर PM मोदी का सीधा जवाब-आपको बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन…

PM Modi direct reply to Trump tariff
-प्रधानमंत्री मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ बम पर अप्रत्यक्ष रूप से दी प्रतिक्रिया
नई दिल्ली। PM Modi direct reply to Trump tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत आयात शुल्क लगाकर भारत को बड़ी चेतावनी दी है। ट्रंप ने कुछ घंटे पहले यह भी चेतावनी दी थी कि अगर भारत रूस से तेल खरीदना जारी रखता है, तो अमेरिका उस पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने से नहीं हिचकिचाएगा। इससे पता चलता है कि डोनाल्ड ट्रंप भारत पर आर्थिक दबाव बनाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बिना नाम लिए डोनाल्ड ट्रंप को टैरिफ पर जवाब दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि वह कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हैं।
अमेरिका के साथ टैरिफ वॉर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के किसानों के पक्ष में बड़ा बयान दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसानों के हितों की रक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा। इसकी बहुत कीमत चुकानी पड़ेगी और वह इसके लिए तैयार हैं।
प्रधानमंत्री मोदी नई दिल्ली में एम.एस. स्वामीनाथन शताब्दी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने और कृषि लागत कम करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। हमारे लिए किसानों का कल्याण सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरे भाइयों-बहनों के कल्याण से कभी समझौता नहीं करेगा और मुझे पता है कि मुझे व्यक्तिगत रूप से इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूँ। आज भारत अपने देश के किसानों, अपने देश के मछुआरों और अपने देश के पशुपालकों के लिए तैयार है।
इस बीच डोनाल्ड ट्रम्प (PM Modi direct reply to Trump tariff) ने बुधवार रात घोषणा की कि वह भारत पर 50 प्रतिशत कर लगाएंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर यूक्रेन के खिलाफ रूस को धन मुहैया कराने का आरोप लगाया था। भारत ने इस मुद्दे पर कोई सार्वजनिक बयान देने से परहेज किया। भारत ने बातचीत के जरिए इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश की।
अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर गंभीर बातचीत हुई, लेकिन डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन द्वारा डेयरी और कृषि क्षेत्रों को अमेरिका के लिए खोलने की मांग के कारण वार्ता टूट गई। उन्होंने कहा हम इस क्षेत्र को किसी भी कीमत पर नहीं खोल सकते। भारत की लगभग 60 प्रतिशत आबादी इस क्षेत्र पर निर्भर है। भारत ने कहा यदि यह क्षेत्र अमेरिका के लिए खोल दिया गया तो इसका इस क्षेत्र के किसानों, मछुआरों और पशुपालकों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।