Pensioners Dearness Relief MP : पेंशनर्स को बड़ी राहत: शासन ने बढ़ाई मंहगाई राहत, 1 सितंबर 2025 से लागू होंगी नई दरें

Pensioners Dearness Relief MP
Pensioners Dearness Relief MP : मध्यप्रदेश के लाखों पेंशनर्स और परिवार पेंशनर्स (Pensioners Dearness Relief MP) के लिए अच्छी खबर है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दीपावली के पहले बड़ी राहत दी है। उनकी घोषणा के अनुसार राज्य शासन के वित्त विभाग ने 8 मई 2025 के परिपत्र के आधार पर पेंशनर्स को मंहगाई राहत (Dearness Relief) की दरों में 01 सितंबर 2025 से वृद्धि करने का निर्णय लिया है। इस बढ़ी राहत दर के हुए लाभ का भुगतान माह अक्टूबर 2025 की पेंशन में किया जाएगा।
वित्त विभाग के आदेश के अनुसार छठवें वेतनमान में पेंशन (Pensioners Dearness Relief MP) प्राप्त करने वालों को मंहगाई राहत की दर 246% से बढ़ाकर 252% कर दी गई है, जबकि सातवें वेतनमान के पेंशनर्स को यह राहत 53% से बढ़ाकर 55% कर दी गई है। यानी दोनों वेतनमानों के तहत पेंशन पाने वालों को अब और अधिक राहत मिलेगी। विशेष रूप से 80 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले पेंशनर्स को मिलने वाली अतिरिक्त पेंशन पर भी संशोधित मंहगाई राहत देय होगी।
इस निर्णय के अंतर्गत अधिवार्षिकी, सेवानिवृत्त, असमर्थता तथा क्षतिपूर्ति पेंशन के सभी श्रेणियों के पेंशनर्स को यह राहत प्राप्त होगी। इसके अतिरिक्त अनुकंपा भत्ता प्राप्त कर रहे पेंशनर्स और परिवार पेंशन (Pensioners Dearness Relief MP) लेने वालों को भी मंहगाई राहत का लाभ मिलेगा, बशर्ते वे शासन के नियमानुसार पात्र हों।
वित्त विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि सारांशीकृत (commuted) पेंशन लेने वाले पेंशनर्स को राहत उनकी मूल पेंशन (commutation से पहले की राशि) पर ही दी जाएगी। साथ ही वे पेंशनर्स जिन्होंने उपक्रमों, स्वशासी संस्थाओं, मंडलों या निगमों में सेवा देने के बाद वित्त विभाग के नियमों के तहत एकमुश्त राशि प्राप्त की थी, वे भी इस संशोधित मंहगाई राहत के पात्र होंगे।
राज्य शासन ने समस्त पेंशन वितरण अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मध्यप्रदेश कोषालय संहिता 2020 के प्रावधानों के अनुरूप समय पर और सही भुगतान सुनिश्चित करे। साथ ही पेंशन निदेशक को बैंक शाखाओं में नमूना जांच करने और किसी प्रकार की विसंगति पाए जाने पर उसका समाधान आगामी माह के भुगतान में करने के निर्देश भी दिए गए हैं। इस निर्णय से राज्य के पेंशनर्स को न केवल आर्थिक राहत मिलेगी बल्कि यह निर्णय पेंशनभोगियों के प्रति शासन की संवेदनशीलता को दर्शाता है।