BIG BREAKING : छग में पहली बार किसी अफसर से करोड़ों में जुर्माना वसूलने की तैयारी, जनता और शासन को…

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Penalty on Chhattisgarh Engineer : निलंबित कार्यपालन अभियंता विनोद कुमार साहू को 1 करोड़ 3 लाख का हर्जाना भरना पड़ सकता है।

बैकुंठपुर/नवप्रदेश। Penalty on Chhattisgarh Engineer : कोरिया जिले के बैकुंठपुर विकाखण्ड अंतर्गत खांडा जलाशय के फूटने से क्षतिग्रस्त होने के मामले में जाच के पश्चात राज्य शासन ने हर्जाना वसूली की बड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके मुताबिक, निलंबित कार्यपालन अभियंता विनोद कुमार साहू को 1 करोड़ 3 लाख का हर्जाना भरना पड़ सकता है।

हालांकि अभी साहू को एक और मौका दिया गया है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक यदि अब भी उनकी ओर से संतोषजनक जवाब नहीं आया तो उनसे हर्जाने (Penalty on Chhattisgarh Engineer ) के रूप में उक्त राशि वसूलने के आदेश जारी होंगे। फिलहाल साहू से उनके खिलाफ आरोपपत्र जारी कर उनसे जवाब मांगा गया है, जिसमें उनके द्वारा शासन व किसानों को नुकसान पहुंचाए जाने के चलते उक्त राशि का उल्लेख है। यदि आदेश जारी होता है तो संभवतया ऐसा पहली बार होगा जब किसी अफसर पर इतना बड़ा जुर्माना लगाया जाएगा।

बता दें कि निलंबित कार्यपालन अभियंता के खिलाफ लगे आरोप की जांच के पश्चात शासन स्तर से यह कार्रवाई हुई है। जांच के बाद हर्जाना (penalty on chhattisgarh engineer) भरने का आदेश जारी हुआ है। हर्जाना वसूली की इस कार्रवाई को प्रदेश में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है।

दो विधायकों ने लिखा था सीएम को पत्र :

विदित है कि क्षतिग्रस्त खांडा जलाशय मामले में जांच के लिए विधायक गुलाब कमरो व विधायक अम्बिका सिंहदेव ने प्रदेश के मुख्यमंत्री, जल संसाधन मंत्री व मुख्यसचिव को पत्र लिखा था। विधायक कमरो ने खांडा जलाशय क्षतिग्रस्त होने की जांच की मांग के साथ ही जल संसाधन विभाग कोरिया के कार्यपालन अभियंता विनोद शंकर साहू के विरुद्ध इनके कार्यकाल में हुए कार्य की विभागीय जांच की मांग की थी।

जांच पूरी होने के बाद निलंबित कार्यपालन अभियंता के खिलाफ यह कार्रवाई हुई है। दूसरी ओर अब भी पूर्व अधिकारी के समय हुए करोड़ों के भुगतान की जांच चल रही है। लिहाजा इस मामले में कुछ अन्य अधिकारियों पर भी गाज गिरने की संभावना है।

ग्रामीणों ने पहले ही कर दिया था आगाह:

बता दें कि इस जलाशय के टूटने से पहले स्थानीय ग्रामीणों द्वारा जल संसाधन विभाग को अवगत कराया गया था कि बांध के बीचो-बीच से पानी का रिसाव हो रहा है। बांध का गेट खोल देने से पानी का भराव कम हो जाएगा एवं बांध की तत्काल मरम्मत की जाए। किंतु कार्यपालन अभियंता द्वारा लगातार अनदेखी करते हुए विभागीय कार्यों में लापरवाही बरती गई।

जिसके कारण खांडा जलाशय के फूटने व क्षतिग्रस्त होने की उच्च स्तरीय जांच कराया जाना आवश्यक था । 22 सितंबर को बैकुंठपुर स्थित खांडा जलाशय टूटने के कारण सैकड़ों किसानों की फसल बर्बाद हो गई थी।

अभी निलंबित कार्यपालन अभियंता के खिलाफ आरोपपत्र मिला है। यदि उन्होंने संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो उनसे हर्जाने की उक्त राशि वसूली जाएगी। जिसका ओदश जारी होगा। साहू को अपना पक्ष रखने के लिए अंतिम मौका दिया गया है। अब तीन सदस्यीय समिति उनसे पूछताछ करेगी। इसके पहले भी उन्हें नोटिस जारी हुए हैं, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
-सुरेंद्र दुबे, कार्यपालन अभियंता

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