अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारियों का कलेक्ट्रेट में हल्लाबोल, प्रशासन से मिला आश्वासन

अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारियों का कलेक्ट्रेट में हल्लाबोल, प्रशासन से मिला आश्वासन

Part-time school sanitation workers' ruckus in the Collectorate, got assurance from the administration

Wada Nibhao Raily

महासमुंद/नवप्रदेश। Wada Nibhao Raily : महासमुंद जिला प्रशासन के खिलाफ अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारियों ने संघ के बैनर तले उग्र प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी अपने तीन सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे थे। आंदोलनकारियों को रोकने पुलिस बल लगाया गया था। इसके बावजूद कर्मियों ने जमकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। आखिरकार जिला प्रशासन ने प्रतिनिधि मंडल से मांगों को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया।

वादा निभाओ रैली से मांगों की दिलाई याद

स्कूल में पदस्थ अंशकालीन कर्मचारियों ने विगत 3 साल पहले जब अपनी नियमितीकरण की मांगों को लेकर प्रदर्शन किया था तो तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने कहा था कि कांग्रेस की सरकार आते ही इन कर्मचारियों को नियमित कर दिया जायेगा। इस मांग को कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में भी शामिल किया था। लेकिन अब पौने तीन साल बीत जाने के बाद भी इन कर्मचारियों को नियमित भी नहीं किया गया और न ही इनके मानदेय में वृद्धि की गई। अब ये कर्मचारी फिर से सड़क पर उतकरकर राज्य सरकार के विरुद्ध लामबंद हो गए हैं।

महासमुंद जिले के स्कूलों में कार्यरत अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारियों के प्रदर्शन ( Wada Nibhao Raily) को समर्थन देने दूसरे जिले से भी संघ के पदाधिकारी पहुंचे थे। जिससे इन सभी कर्मचारियों को और मनोबल बढ़ा है। अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारियों ने प्रशासन को घेरते हुए अपने मांगों को पूरा करने दबाव बनाया। आंदोलनकारी वादा निभाव रैली निकलकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। कलेक्ट्रेट गेट के पास आंदोलनकारियों को भीतर जाने से रोक दिया गया। प्रदर्शनकारी गेट के सामने ही बैठ गए और घंटो नारेबाजी चलती रही।

अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारियों के तीन सूत्रीय मांगों में नियमितीकरण के साथ ही कलेक्टर दर पर वेतन देने, शाला समिति द्वारा पद से इन्हे मुक्त कर दिया जाता है जिसे रोका जाये और शासन के नियमानुसार भत्ता भी देय हो। इन मांगों को लेकर कर्मियों ने काफी नारे बजी की।

पुर्णकालिन की मांग

अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारी कल्याण संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि छत्तीसगढ़ अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारी कल्याण संघ छत्तीसगढ़ में 2007-08 और 2011 से कार्य कर रहे हैं। वे स्कूल की साफ-सफाई, कक्षाओं की सफाई, पेयजल की व्यवस्था, पालक रजिस्टर में हस्ताक्षर कराना, मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था करना आदि कार्य करते आ रहे हैं। वहीं इनके एवज में वर्तमान में मात्र 2300 रुपये मासिक दिया जा रहा है। 2011 से लगातार स्कूल सफाई कर्मचारी संघ शासन से अपनी मांगों को अवगत कराते रहे हैं, लेकिन केवल मंत्री और मुख्यमंत्री आश्वासन ही दिया गया। फिर भी अभी तक मांग को पूरा नहीं किया है।

संघ के पदाधिकारियों का कहना था कि प्रदेश में अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारियों की कुल संख्या करीब 43 हजार से भी अधिक है,जिन्हे आज की महंगाई के युग में भी महज 2300 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलता है जिससे परिवार चलाना मुश्किल है। साथ ही इन्होने बताया कि शाला समिति द्वारा बिना सुचना दिए इस कोरोना काल में कई कर्मियों को स्कूल से निकल दिया गया है।

कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

छत्तीसगढ़ अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारी कल्याण संघ ने कलेक्टर को अपनी मांगों (Wada Nibhao Raily) को लेकर ज्ञापन दिया। धरने में जिलेभर के स्कूलों के सफाईकर्मी शामिल हुए और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। स्कूल सफाई कर्मचारी संघ पूर्णकालिक मानदेय दिए जाने की मांग कर रहे हैं। स्कूल सफाई कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर चेतावनी दी है कि जब तक शासन उनकी मांगे पूरी नहीं करता है, तब तक वे अनिश्चितकालीन आंदोलन में जा सकते हैं। इससे सफाई व्यवस्था प्रभावित होगी।

जिला प्रशासन ने दिया आश्वासन

अंशकालीन कर्मियों को इस बार भी महासमुंद कलेक्टर ने महज आश्वासन देकर लौटा दिया है। हालांकि जिला प्रशासन का कहना है कि इनकी जायज मांगों को पूरा करने शासन स्तर पर पत्राचार किया गया है। साथ ही शाला समितियों को नोटिस देकर कर्मियों को काम पर बुलाने आदेश दिया गया है। इस के साथ ही पुर्णकालिन किये जाने की मांग को शासन तक पहुँचाने की बाद अधिकारी कर रहे हैं।

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