संसद मानसून सत्र 2023: विपक्षी गठबंधन की खास रणनीति, मोदी सरकार के एक मंत्री को छोड़कर सभी को घेरा जाएगा
-मणिपुर के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने के लिए विपक्षी दलों ने बनाई रणनीति
नई दिल्ली। Parliament Monsoon Session 2023: मणिपुर में हिंसा के मुद्दे पर संसद का चल रहा मॉनसून सत्र हंगामेदार होता जा रहा है। संसद के दोनों सदनों में इंडिया विपक्षी दलों के गठबंधन ने सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। विपक्ष की मांग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के साथ मणिपुर के मुद्दे पर भी चर्चा होनी चाहिए।
इसलिए सरकार गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर चर्चा करना चाहती है। अब विपक्षी दलों ने मणिपुर के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने के लिए अलग-अलग रणनीति बनाई है। इसके तहत विपक्षी दलों को मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के अलावा कुछ भी मंजूर नहीं है।
इसके लिए इंडिया इस विपक्षी गठबंधन ने मानसून सत्र के लिए खास रणनीति बनाई है। उस रणनीति के मुताबिक, जब कोई केंद्रीय मंत्री या सांसद सदन में बोलने के लिए खड़ा होगा तो विपक्षी दल के सांसद नारे लगाएंगे। लेकिन जब नितिन गडकरी जैसे कुछ मंत्री और अन्य दलों के सांसद संसद में बोलते हैं, तो विपक्षी दल चुप रहता है। ऐसी ही तस्वीर बुधवार को सभागार में ही देखने को मिली। बीजेडी सांसद सस्मित पात्रा ने जब राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल के मुद्दे पर अपनी बात रखी तो विपक्ष ने संयमित चुप्पी साध ली।
इस बीच विपक्षी गठबंधन में शामिल पार्टी के एक नेता ने कहा कि विपक्षी दलों के सांसद सवाल-जवाब सत्र के दौरान मणिपुर का मुद्दा उठाएंगे। यह रणनीति समय-समय पर राज्यसभा में देखने को मिलती रहती है। इतना ही नहीं विपक्षी दलों ने लोकसभा और राज्यसभा के लिए अलग-अलग रणनीति बनाई है। साथ ही इन सबका एकमात्र मकसद केंद्र सरकार और नरेंद्र मोदी पर दबाव बनाना है।