Pandri Haat : हथकरघा और हस्तशिल्प कला प्रदर्शनी ने बनाया संगम
लोगों को लुभा रहे हैं पारंपरिक कपड़े, 3 दिन में कमाएं 3 लाख रुपए
रायपुर/नवप्रदेश। Pandri Haat : राजधानी रायपुर का हृदय स्थल पंडरी हाट बाजार इन दिनों मनमोहक छत्तीसगढ़ी पारंपरिक हाथकरघा वस्त्र और हस्तशिल्प कला का संगम बना हुआ है। यहां छत्तीसगढ़ी पारंपरिक हाथकरघा वस्त्र और ग्रामोद्योग के उत्पाद लोगों को लुभा रहे हैं। गौरतलब है कि पंडरी हाट बाजार में बीते 7 अगस्त राष्ट्रीय हाथकरघा दिवस के अवसर पर हाथकरघा वस्त्रों एवं हस्तशिल्प कला की नौ दिवसीय प्रदर्शनी आयोजन किया गया है। यह प्रदर्शनी 15 अगस्त तक चलेगी।
रियायती दर के साथ मिल रही है छूट
उल्लेखनीय है कि ग्रामोद्योग मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने विगत 7 अगस्त को इस नौ दिवसीय हाथकरघा (Pandri Haat) वस्त्रों एवं हस्तशिल्प कला प्रदर्शनी का शुभारंभ किया था। प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ राज्य के पारंपरिक हाथकरघा वस्त्र एवं विविध शिल्प प्रदर्शन-सह-विक्रय के लिए छूट के साथ-साथ रियायती दर पर उपलब्ध हैं। हाथकरघा वस्त्रों एवं हस्तशिल्प कला प्रदर्शनी में सजावटी समान के साथ रोजमर्रा के उपयोग की वस्तुओं एवं वस्त्रों को बेहतर प्रतिसाद मिल रहा है। लोग विशेषकर महिलाएं यहां रोजाना बड़ी संख्या में पहुंचकर अपनी पसंद के पारंपरिक परिधान और वस्त्र की खरीदी कर रही हैं।
फेस्टिव सीजन में प्रदर्शनी बनी सौगात
प्रदर्शनी में बुनकरों और शिल्पकारों द्वारा तैयार किए गए राज्यों के पारम्परिक वस्त्रों सहित छत्तीसगढ़ राज्य की ढोकरा हस्तशिल्प, लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, बांस शिल्प, गोदना शिल्प, शीसल शिल्प, टेराकोटा शिल्प, भित्ती चित्र, पत्थर शिल्प, कौंड़ी शिल्प, तूम्बा शिल्प और हाथकरघा वस्त्रों में कोसा सिल्क, टसर सिल्क, कॉटन के ड्रेस मटेरियल, साडिय़ां, टुपट्टे, चादर, बेडशीट तथा खादी वस्त्रों और ग्रामोद्योग द्वारा निर्मित सामग्रियां लोगों को आकर्षित कर रहे है। राजधानीवासियों के लिए त्योहारों के मौसम में आयोजित यह प्रदर्शनी लोगों के लिए सौगात बन गई है।
तीन दिन में बिका 3 लाख का सामान
प्रदर्शनी के नोडल अधिकारी एच.बी. अंसारी ने बताया कि शिल्प बाजार (Pandri Haat) में तीन दिनों में ही 3 लाख रूपए से भी अधिक की सामग्रियों की बिक्री हो चुकी है। जिसमें हाथकरघा वस्त्र, हस्तशिल्प, खादी बोर्ड और माटीकला बोर्ड के उत्पादों की बिक्री हुई है। इस प्रदर्शनी में लोग किफायती दरों में मिलने वाले पारंपरिक वस्त्र और सजावटी सामग्रियों की जमकर खरीदी कर रहे हैं। गौरतलब है कि इस प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ राज्य के शिल्प कलाकारों द्वारा निर्मित ग्रामोद्योग सामग्रियों के प्रदर्शन-सह विक्रय के लिए स्टॉल लगाए गए हैं। यह प्रदर्शनी सुबह 11 बजे से रात्रि 9 बजे तक लोगों की खरीददारी के लिए खुला रहता है।