त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव 2025: अमित शाह के संकल्प से नक्सल क्षेत्र में लोकतंत्र की जय जयकार

त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव 2025: अमित शाह के संकल्प से नक्सल क्षेत्र में लोकतंत्र की जय जयकार

Panchayat elections 2025: Shah's resolution brings cheers for democracy in Naxalite areas

Panchayat elections 2025

-नक्सलियों के डर से 20 सालों नहीं डाल पाए थे वोट, अब टूटा खौफ का चक्र
-मैदान इलाकों में भी जनता ने पंचायत चुनाव के प्रथम चरण में जमकर किया मतदान
-केंद्र और राज्य सरकार पर लोगों में बढ़ा विश्वास


रायपुर/नवप्रदेश। Panchayat elections 2025: छत्तीसगढ़ के त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण में नक्सल प्रभावित इलाकों में ग्रामीणों ने जमकर वोट डाले। ऐसे गांव हैं, जहां लोगों ने नक्सलियों के भय के चलते 20 सालों से मतदान नहीं किया था। इसकी बड़ी वजह है कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह का 2026 तक नक्सलमुक्त छत्तीसगढ़ का नारा और अभी तक हुए तेज गति से काम से लोगों में केंद्र की नीतियों और साय सरकार पर भरोसा बढ़ा है। नक्सल क्षेत्र में अद्धसैनिक बलों के खुले कैंप से नक्सल गतिविधियों पर विराम लग चुका है। इसके साथ ही विकास के मार्गों का संजाल तेजी के साथ फैल रहा है।

वहीं, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की आदिवासी क्षेत्र और मैदानी इलाकों में जनकल्याण की योजनाएं और विकास कार्यों का खाका, महज 13 महीनों में धरातल पर दिखने लगा है। एक वक्त था कि नक्सलियों के फरमान के चलते स्कूल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ताले लग गए थे। लेकिन धीरे-धीरे हमारे वीर जवानों ने अपना बलिदान देकर इन्हें मुक्त कराया। अगर ये कहा जाए कि विकास की कुंजी सरकार के पास है तो नक्सलियों को जमींदोज करने में वीर जवानों का अमूल्य योगदान है। इन संयुक्त प्रयासों के चलते नक्सल के ऐसे क्षेत्र जहां जनताना सरकार की हुकूमत चलती थी, वहां अब राष्ट्रवाद से जुडऩे के साथ ही समाज की मुख्य धारा से जुडऩे की लालसा जगी है।

यही वजह भी है कि रिकार्ड संख्या में साय सरकार (Panchayat elections 2025) के दौरान नक्सलियों ने आत्म समर्पण किया है। क्योंकि उन्हें ये पता हो गया है कि अब नक्सलवाद का खात्मा तय है कि क्योंकि तेजी के साथ केंद्रीय मंत्री अमित शाह के नक्सवाद खत्म करने के संकल्प को यर्थाथ में बदलने के लिए सुरक्षा बल और विष्णुदेव साय की सरकार प्रतिबद्ध है।


इसका प्रमाण पंचायत चुनाव के प्रथम चरण में मिला है, ये दीगर है कि वोटिंग प्रतिशत कम रहा हो, लेकिन जो अपने क्षेत्र और घर में मौजूद रहे उन लोगों ने बढ़चढ़कर इस लोकतंत्र के महापर्व में हिस्सा लिया। वहीं दूसरी ओर जो मैदानी इलाकों में ग्रामीण अंचल हैं, वहां भी जनता में विष्णुदेव साय ने जिस तरह से मोदी की सभी गारंटियों को पूरा किया है, उसका उत्साह भी लोगों में है। इसके पीछे की वजह भी हैं, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जिन्होंने जनता से वादा किया है कि गांवों का तेजी से विकास करने अपने मताधिकार का प्रयोग करें।

ग्राउंड रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण अंचल में गरीबों के लिए पीएम आवास का वादा केंद्र और राज्य सरकार के समन्वय से तेजी के साथ हो रहा है। इसका भी असर है, क्योंकि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में आर्थिक जनगणना के नाम पर पीएम आवास पर रोक लगा दी थी। लेकिन विष्णुदेव साय की सरकार आने के बाद इसे लागू करते हुए पीएम आवास की संख्या बढ़ा दी गई। साथ ही पंचायतों की दशा और दिशा को नई ऊंचाई देने के लिए साय सरकार की प्रतिबद्धता की वजह से भी इस महापर्व में लोगों ने जमकर मतदान किए।

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