संपादकीय: आपरेशन सिंदूर पर पाक का कबूलनामा

संपादकीय: आपरेशन सिंदूर पर पाक का कबूलनामा

Pakistan's confession on Operation Sindoor

Pakistan's confession on Operation Sindoor

Pakistan’s confession on Operation Sindoor: पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना ने आपरेशन सिंदूर चलाकर जो तबाही मचाई थी उसे लेकर भारत की विपक्षी पार्टियां भले ही सरकार पर सवालों के गोले दाग रही हों लेकिन पाकिस्तान ने यह बात कबूल कर ली है कि भारत ने उसे बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। खुद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने वहां की संसद में इस बात का खुलासा किया था कि आपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना की कार्यवाही के चलते पाकिस्तान के ग्यारह ऐयरबेस बबार्द हो गये थे। अब यही बात पाकिस्तान से अमेरिका भेजे गये सांसदों के प्रतिनिधि मंडल ने भी कही है।

इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने अमेरिका को एक डोजियर सौंपा है जिसमें विस्तार से इस बात की जानकारी दी गई है कि भारत द्वारा की गई सैन्य कार्यवाही से पाकिस्तान को कितना ज्यादा नुकसान पहुंचा है। इस डोजियर में एक बात महत्वपूर्ण है कि पाकिस्तान ने यह कबूल किया है कि भारत में पाकिस्तान के 28 स्थानों को निशाना बनाकर उसे नेस्तनाबूत कर दिया है। जबकि भारत में अभी तक 20 स्थानों पर ही कार्यवाही का दावा किया था जिसमें 9 आतंकी अड्डे हैं और 11 ऐयरबेस हैं। किन्तु पाकिस्तान का कहना है कि भारत ने 20 स्थानों पर नहीं बल्कि 28 स्थानों पर कहर बरपाया था।

यही नहीं बल्कि बिलावल भुट्टो ने तो अमेरिका के सामने गिड़गिड़ाते हुए यह फरियाद भी की है कि वह पाकिस्तान के साथ भारत की बातचीत कराने में मदद करे। बिलावल भुट्टो ने विश्व समुदाय से भी गुजारिश की है कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच शांति वार्ता के लिए कारगर कदम उठाये। बिलावल भुट्टो के अनुसार पाकिस्तान खुद आतंकवाद के पीडि़त है। जितनी आतंकी घटनाएं भारत में हुई है उससे ज्यादा आतंकी घटनाएं तो पाकिस्तान में हो चुकी है। इसलिए पाकिस्तान भारत के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए तैयार है यदि दोनों देश मिलकर आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्यवाही करेंगे तो आतंकवाद खत्म हो जाएगा।

बिलावल भुट्टो को यह बयान यह दर्शाता है कि पाकिस्तान अब घुटनों पर आ चुका है और वह भारत के साथ शांति वार्ता के लिए मरा जा रहा है। इसी वजह से बिलावल भुट्टो पाकिस्तान को भी आतंकवाद से पीडि़त बताकर विश्व समुदाय की सहानुभूति हासिल करना चाहते हैं। जबकि हकीकत तो यह है कि अपने गठन के साथ ही पाकिस्तान ने आतंकवाद की राह चुन ली थी और भारत के खिलाफ उसने आतंकवाद की आग को भड़काने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी थी। आज की तारीख में पाकिस्तान आतंकवाद का पर्याय बन चुका है और वहां के भारत के खिलाफ लगातर षडयंत्र रचा जा रहा है।

भारत ने आपरेशन सिंदूर के तहत उसके 9 आतंकी अड्डो को तबाह कर दिया तो पाकिस्तान अब घबरा गया है इसीलिए वह अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत के साथ शांति वार्ता का प्रस्ताव रख रहा है। दरअसल पाकिस्तान को यह डर सता रहा है कि भारत निकट भविष्य में पाकिस्तान के खिलाफ फिर कोई बड़ी सैन्य कार्यवाही कर सकता है। क्योंकि भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम अस्थाई है आपरेशन सिंदूर अभी सिर्फ स्थगित हुआ है खत्म नहीं किया गया है। यदि पाकिस्तान ने फिर कोई गुश्ताखी की तो भारत उसके खिलाफ फिर बड़ी कार्यवाही करने पर बाध्य होगा। भारत की इसी चेतावनी के कारण पाकिस्तान के होश फाख्ता हैं और वह विश्व समुदाय से गुहार लगाने पर मजबूर हो गया है कि भारत के साथ उसकी शांति वार्ता कराई जाये।

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