कोयलीबेड़ा से परलकोट के जंगलों में पहुंचा हाथी
नवप्रदेश संवाददाता
पखांजूर। कोयलीबेड़ा के जंगल मे जो हाथी भटक कर पहुच गया था उसी हाथीयो की धमक अब परलकोट में देखी जा रही। ग्रामीणों में दहशत का माहौल। हाथियो ने भोजन की तलाश में मचाया पिव्ही 3 में उत्पात ,रहवास क्षेत्र के पास पहुचा हाथी। जंगलो में नही जा रहे ग्रामीण। हाथीयो को ट्रेस करने वन अधिकारी अमला जंगलो में घूम रही है । लोकल इन्वेस्टिगेशन टीम जंगल में बारीकी से सर्वे कर रही। इस वक्त की बड़ी खबर निकल कर सामने आ रही है। कोयलीबेड़ा ब्लाक के कापसी वन परिक्षेत्र के अंतर्गत खैरकट्टा के जंगल मे मंगलवार दो हाथियों को विचरण करते देखा गया है । दो हाथियों में एक दंतेल हाथी एक वयस्क हाथी होने की बात कही जा रही है। वन विभाग कर्मचारी अपने सर्किल में प्लांटेशन कर रहे थे उसी के नजदीक खैरकट्टा गांव के ढोलूराम के खेत की लाडी में हाथियों को ग्रामीणों ने देखा जिसकी जानकारी वन विभाग को दी गयी। वन विभाग के कर्मचारियी ने गांव में लोगो को हाथियो से दूर रहने की सलाह दी और हाथियो की मौजूदगी तक जंगल में नही जाने की नशीहत भी दी । वही बता दे कि जंगल मे आम तोडऩे गए बच्चो ने जब हाथियो को देखा तो खुशी में दौड़कर हाथियो के एक दम समीप पहुच गए वही बच्चो को देखकर हाथी घबराहट से भागने लगे हाथियो को देखने की चाहत में बच्चे हाथियो का पीछा किया। लेकिन एक हाथी ने बच्चो पर उल्टा धावा बोल दिया वही एक बच्चा हाथियो के हमले से बाल बाल बचा अन्यथा उस बच्चे के साथ अप्रिय घटना घट सकती थी। हाथियो को गांव पीव्ही 3 शारदा नगर के राकेश विश्वास के खेत के पास देखा गया , वही बताया जा रहा है कि हाथी मंगलवार रात जंगल के रास्ते पिव्ही 3 गांव के नजदिक पहुचा रात को राकेश के खेत में हाथीयो ने अपना डेरा जमाया , जब राकेश अपने खेत के पास पहुचा तो वहां से निकल कर जंगल की ओर भाग खड़े हुए। राकेश विश्वास ने बतलाया कि वह रोज की तरह सुबह 6 बजे अपने खेत मे गया वह उसे दूर से हाथी दिखा खेत मे जगह जगह घूमने पर हाथियो के मल पड़े हुए मीले वही आम पेड़ की डाली टूटी हुई मिली,हाथियो ने उसके कटहल फसल को बर्बाद कर दिया उसके एक क्विंटल कटहल को हाथियो ने अपना आहार बना लिया । वन विभाग ने के उपवन मण्डलाधिकारी राम सिंह मंडावी ,व परिक्षेत्र अधिकारी दिनेश तिवारी तत्काल मौके स्थल पर पहुचकर पंचनामा तैयार किया साथ ही लोगो को हाथियो से सावधान रहने की सलाह भी दी।
हाथियो के मल अवशेषों ,पद चिन्ह को संग्रहण कर हाथियो के संबध में विशेष जांच हेतु वन विभाग ने सेम्पल जमा किया । दिनेश तिवारी ने कहा कि यह दो हाथी का अपने दल समूह से भटककर उड़ीसा अंचल से जंगलो के बीच से होते हुए छत्तीसगढ़ सीमांत इलाको में आ गया है। हाथी एक सामाजिक प्राणी है उसे डराने से या भगाने से वह गुस्सेल हो जाती है लोगो को जंगली हाथी से दूरी बनाए रखना चाहिए ह। बहुत आश्चर्य की बात है कि कुछ दिन पहले उसे आमाबेड़ा व कोयलिबेडा के जंगलों में देखा गया था फिर उधर से इतने घुमावदार रास्ते मे कैसे पहुच गया जो सोचने वाली बात है । हम हाथियो को ट्रेस करने की कोशिश कर रहे है । वही जंगल में बसे बस्तियों के लोगो को सावधान रहने की चेतावनी व हाथियो के हमले से बचने के तरीको को बता रहे है।