पद्मश्री नांबियार का निधन, PT Usha को बनाया था लेजेंड धाविका

PT Usha
कोच्चि। भारत की लेजेंड धाविका पीटी उषा (PT Usha) के कोच ओ.एम. नांबियार का गुरुवार को निधन हो गया। वह 89 वर्ष के थे। केरल के कोझिकोड जिले के रहने वाले नांबियार ने एयर फोर्स के साथ करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने उषा को काफी युवा अवस्था से ट्रेनिंग देनी शुरू की और उनके सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर पहुंचने में अहम भूमिका निभाई।
उषा (PT Usha) ने अपने कोच के साथ फोटो का कोलाज पोस्ट कर ट्वीट किया, “मेरे कोच, मेरे गुरु और मेरा मार्गदर्शन करने वाले का जाना मेरे जीवन को वो खालीपन छोड़ गया, जिसे कभी भरा नहीं जा सकता। मेरे जीवन में उनका क्या योगदान रहा है, इसे शब्दों से बयां नहीं किया जा सकता। आपको बहुत मिस करूंगी नांबियार सर।”
नांबियार ही थे, जिन्होंने उषा को 1984 ओलंपिक से कुछ महीने पहले 400 मीटर हर्डल चुनने की सलाह दी थी। उनका मानना था कि उषा (PT Usha) इसमें पदक जीत सकती हैं। लेकिन वह काफी कम अंतर से कांस्य पदक लाने से चूक गई थीं।
पूर्व वायु सैनिक नांबियार ने कोच के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान ऊषा सहित कई अंतरराष्ट्रीय एथलीट तैयार किये थे। ऊषा लॉस एंजिल्स ओलंपिक 1984 में मामूली अंतर से कांस्य पदक से चूक गयी थीं। ऊषा के अलावा उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले जिन एथलीटों को तैयार किया उनमें शाइनी विल्सन (चार बार की ओलंपियन और 800 मीटर में 1985 की एशियाई चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता) और वंदना राव प्रमुख हैं।
नांबियार को साल 2021 में पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। भारतीय एथलेटिक्स महासंघ ने नांबियार के निधन पर शोक व्यक्त किया है।