केंद्र से टकराव नहीं, अलग ही है धान खरीदी शुरू होने में देरी की वजह |

केंद्र से टकराव नहीं, अलग ही है धान खरीदी शुरू होने में देरी की वजह

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  • नवप्रदेश से मंत्री अमरजीत भगत बोले- अब भी हो रही बारिश, सूख नहीं पाए हैं खेत व खरीदी केंद्रों के प्रांगण
  • 15 नवंबर की जगह अब 1 दिसंबर से शुरू होगी खरीदी

रायपुर/नवप्रदेश। प्रदेश सरकार ने धान (paddy)  खरीदी (procurement) की तारीख (date) बढ़ा दी (extend) गई है। पहले निर्धारित तारीख 15 नवंबर की जगह अब 1 दिसंबर से धान खरीदी की जाएगी।

शुक्रवार को धान (paddy) खरीदी (procurement) के लिए बनाई गई मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। राज्य सरकार के इस फैसले के पीछे की वजह केंद्र सरकार द्वारा इस बार राज्य का धान खरीदने के लिए सहमत न होना माना जा रहा था।

लेकिन प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत से इस संबंध में सवाल किए जाने पर उन्होंने दूसरी वजह बताई। भगत ने नवप्रदेश को बताया कि छत्तीसगढ़ में अब भी हो रही बारिश (rain) के कारण धान खरीदी की तिथि बढ़ाई (extend) गई है।

‘सभी किसानों ने शुरू नहीं की कटाई’

मंत्री ने कहा कि खेतों में बारिश (rain) के कारण हल्का पानी भरा होने के कारण सभी किसानों ने अभी धान की कटाई शुरू नहीं की है। खरीदी केंद्रों के प्रांगण भी पूरी तरह सूखे नहीं हैं। दूसरी ओर मौसम में उतार चढ़ाव अब बना हुआ है। यही वजह है कि धान खरीदी की तिथि बढ़ा दी गई है। अब 31 जनवरी तक धान की खरीदी की जाएगी। वहीं समितियों में धान खरीदी के लिए पंजीयन की तारीख को भी सप्ताह भर के लिए बढ़ा दिया गया हैै।

केंद्र व राज्य के बीच टकराव को ऐसे समझें

  • छत्तीसगढ़ में पीडीएस के लिए जरूरी 22 लाख मीट्रिक टन चावल के लिए 38 लाख मीट्रिक टन धान की जरूरत।
  • केंद्र ने इतना धान खरीदने की अनुमति दी है।
  •  प्रदेश सरकार फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया में हर साल 24 लाख मीट्रिक टन उसना चावल जमा करती है।
  •  केन्द्र से इसकी खरीदी की अनुमति नहीं मिली है।
  • जबकि इस बार सरकार का लक्ष्य पिछले साल के 80 लाख मीट्रिक टन की बजाय 85 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का है।

कैबिनेट में धान को प्रति क्विंटल 685 रु. ज्यादा देने का हो गया फैसला

केंद्र सरकार ने वर्ष 2019-20 के लिए धान (paddy) का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 1815 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है। वहीं राज्य सरकार ने अपने चुनावी वादे के मुताबिक धान की खरीदी 2500 रुपए प्रति क्विंटल केे समर्थन मूल्य पर ही करने का फैसला किया है। राज्योत्सव के ठीक पहले  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि जो वादा सरकार ने किया था उसे पूरा करने से पीछे नहीं हटेंगे। यानी यदि राज्य सरकार 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदती है तो उसे किसानों को 685 रुपए प्रति क्विंटल अधिक देना होगा।

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