पी दयानंद.. सिद्धांतों से बिना डिगे कलेक्टरी के साथ-साथ सुकमा से कोरबा तक कीर्तिमान गढ़ते गए...

पी दयानंद.. सिद्धांतों से बिना डिगे कलेक्टरी के साथ-साथ सुकमा से कोरबा तक कीर्तिमान गढ़ते गए…

P Dayanand.. kept on creating records from Sukma to Korba along with collectorate without deviating from his principles...

ias p dayanand

IAS पी दयानंद ने कभी अपने उसूलों के लिए समझौता नहीं किया

ईश्वर चंद्रा

कोरबा। ias p dayanand: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सचिव की जिम्मेदारी हासिल करने वाले आईएएस पी दयानंद यूं ही इस पद पर नहीं पहुंचे। इसके लिए उन्होंने कहीं कोई शॉर्ट कट या जोड़ तोड़ का रास्ता भी नहीं अपनाया, बल्कि 17 साल अपने काम में उसी समर्पण से जुटे रहे, जैसा एक आईएएस अफसर से अपेक्षा की जाती है।

अपने सिद्धांतों के लिए उन्होंने सदा नो कॉम्प्रोमाइज कहा और उनके लिए मंत्रियों से भी भीड़ गए। धुर नक्सल क्षेत्र सुकमा हो, ऊर्जानगरी कोरबा या फिर न्यायधानी कहे जाने वाले सघन राजनीतिक गढ़ बिलासपुर, अपनी कलेक्टरी लेकर जहां से भी गुजरे, एक-एक कर नए कीर्तिमान भी गढ़ते गए।

2006 बैच के आईएएस अधिकारी पी दयानंद को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपना सचिव नियुक्त किया है। मंगलवार की देर रात सीएम सचिवालय की कमान उन्हें सौंप दी गई। अपनी कड़क कार्यशैली, तेज तर्रार व्यक्तित्व और बेदाग छवि की पहचान रखने वाले पी दयानंद ने पिछले 5 साल गुमनामी में गुजराने के बाद बहुत ही मजबूती के साथ वापसी की है। उनके मुख्यमंत्री सचिव बनने के बाद कहा जा रहा है ब्यूरोक्रेसी में काफी कुछ बदलाव दिख सकता है। ईमानदार और साफ सुथरी छवि के अफसर कहे जाने वाले पी दयानंद को हमेशा से नतीजे देने वाले अफसरों में गिना जाता है।

सुकमा-कोरबा में एजुकेशन हब, बिलासपुर में बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

बतौर कलेक्टर अपनी पहली पोस्टिंग के साथ ही पी दयानंद ने धुर नक्सल जिला सुकमा में उत्कृष्ट कार्य किए और यहां एजुकेशन हब की नींव रखी। अपनी देखरेख में तैयार कराया और आज भी यहां नक्सल प्रभावित क्षेत्र के होनहार बच्चे बेखौफ होकर अपनी शिक्षा पूरी कर रहे हैं। इसके बाद कवर्धा और फिर कोरबा में कलेक्टर रहते पी.दयानंद ने कई अहम काम किए।

 कोरबा जिला के कलेक्टर रहने के दौरान ही केंद्र सरकार द्वारा जिला खनिज न्यास मद का गठन किया। उन्होंने कोरबा में भी आदिवासी बच्चों के लिए एजुकेशन हब का निर्माण कराया गया। जहां एक साथ 5 हजार बच्चों के आवासीय शिक्षा की पूरी व्यवस्था तैयार कराई गई है। इसके साथ ही एसईसीएल की खदानों से प्रभावित लोगों के लिए विशेष कार्य योजना तैयार कर उनके रहवास को माॅडल गांव के तर्ज पर सर्व सुविधायुक्त बनवाया गया।

 इसके बाद उन्होंने बिलासपुर जिला में कलेक्टर रहते हुए न्यायधानी के अधोसंरचना के विकास के साथ ही पीएम आवास और स्वच्छ भारत अभियान में विशेष कार्य किए। यहां उन्होंने मतदान को प्रोत्साहित करने के अपने अभियान के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम भी दर्ज कराया।

कभी पूर्व मंत्री जयसिंह तो कभी बृजमोहन के निशाने पर रहे

आईएएस पी दयानंद ने कभी अपने उसूलों के लिए समझौता नहीं किया, बल्कि अधिकारों के लिए लड़ जाने से पीछे नहीं हटे। इसके लिए उन्हें पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के निशाने पर भी आना पड़ा। पिछली बार सरकार बदली, तब वह कोरबा के बिलासपुर के कलेक्टर थे। फिर उन्हें प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा बना दिया गया।

इसके बाद वह वापसी नहीं कर पाएं। उसके पहले की सरकार में भी एक कार्यक्रम के दौरान पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से भी तीखी बहस हुई थी। मूलतः बिहार के सासाराम के रहने वाले पी.दयानंद की गिनती तेज तर्रार IAS अफसरों में की जाती है।

 सुकमा, कोरबा, बिलासपुर सहित प्रदेश के चार जिलों की कमान संभाल चुके आईएएस अफसर पी.दयानंद को शिक्षा के क्षेत्र में एजुकेशन हब के जरिये बेहतर शिक्षा व्यवस्था की नींव रखने के लिए भी पहचाना जाता है। 2006 बैच के IAS अफसर पी.दयानंद के पिछले कार्यकाल को देखा जाये तो उन्होने अपने प्रोबेशन पीरियड नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिला में जिला पंचायत सीईओ के तौर पर पूरा किया। इसके बाद वे सुकमा जिला की कमान संभालते हुए कलेक्टर बने और शिक्षा के क्षेत्र में अद्वितीय कार्य किए।

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