दिवाली पर किसानों के मित्र उल्लुओं को बचाने वन विभाग ने छेड़ी मुहिम
- चेताया- मारे तो 7 साल की जेल और जुर्माना
- दिवाली पर तंत्र मंत्र के लिए होता है उल्लुओं का शिकार
रायपुर/नवप्रदेश। वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (डब्लूसीसीबी) नई दिल्ली और ट्रैफिक (यूएनडीपी) ने उल्लुओं (owls) को बचाने (conservation) के लिए बड़ी मुहिम (campaign) छेड़ दी है। तेजी से लुप्त हो रहे निशाचर जीवों में शामिल उल्लुओं की हिफाजत करने के लिए छत्तीसगढ़ वन विभाग ने भी बड़ा अभियान चलाया है।
इस दिवाली अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र के चक्कर में कोई भी उल्लू (owls) का शिकार नहीं कर पाए इसके लिए बैनर, पोस्टर के माध्यम से इसके बचाव की अपील (apeal) की जा रही है। ‘सावधान! किसानों का असली मित्र मुसीबत में है…।’
अपील (appeal) वाले इस पर्चे में उल्लुओं (owls) की मार्मिक तस्वीरें भी पेश की गई हैं। राज्य वन्यप्राणी संरक्षण (conservation) के लिए बाकायादा इसका दारोमदार प्रभागीय वनाधिकारी वन विभाग से लेकर स्थानीय पुलिस अधीक्षक का है। हालांकि पुलिस उल्लुओं का शिकार करने वालों को वन विभाग व्दारा पकड़े जाने के पूर्व भी सीधी कार्रवाई करेगी।
इन वजहों से मारे जा रहे
- दिवाली में तंत्र-मंत्र, काला जादू करने।
- अंधविश्वासी हजारों की तादात में बलि दे रहे।
- कुछ प्रजातियों के अंगों से देसी दवाइयां बनाने।
बचाने के लिए कई प्रतिबंध
- पालना, पकड़ृना, शिकार करना, खरीदना।
- इनके अंगों से बनी दवाइयों का कारोबार।
- अपराध सिद्ध होने पर 7 साल की कैद है।
- ज्यादा नृशंसता करने पर कैद, जुर्माना दोनों।
बचाव के लिए ये अपील
उल्लुओं को किसानों और खेतों का सच्चा मित्र बताया गया है। खेतों को नुकसान पहुंचाने वाले जीवों जैसे चूहों की रोकथाम में सांप के अलावा उल्लुओं को भी अहम बताया गया है। अपील में प्रभागीय वनाधिकारी, वन विभाग, वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो, पुलिस अधीक्षक समेत किसानों से भी इनकी रक्षा के लिए मुहिम छेड़ने का निर्देश दिया गया है।