संपादकीय: विपक्ष की पाकिस्तान को क्लीन चिट

Opposition gives clean chit to Pakistan
Editorial: कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ आपरेशन सिंदूर चलाकर उसे करारा सबक सिखाया था। अब संसद के मानसून सत्र में इस पर चर्चा के लिए समय तय कर दिया गया है किन्तु संसद के सत्र में इस पर चर्चा शुरू होने से पहले ही विपक्षी नेताओं ने सदन से बाहर इस पर विवादास्पद बयानबाजी करके एक तरह से पाकिस्तान को क्लीन चिट देनी शुरू भी कर दी है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी.चिदंबरम ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर सवाल किया है कि इस घटना को अंजाम देने वाले आतंकवादी पाकिस्तान से ही आये थे इसका सरकार ने कोई सबूत नहीं दिया है। पी.चिदंबरम सबूत मांगकर पाकिस्तान की ही भाषा बोल रहे हैं। गौरतलब है कि पाकिस्तान ने अभी तक यह बात नहीं कबूल की है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीछे उसका कोई हाथ है। पाकिस्तान तो हर आतंकी हमले से इंकार करता रहा है।
यदि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ नहीं होता तो भारत उसके खिलाफ बड़ी सैन्य कार्यवाही क्यों करता और उसके आतंकी अड्डों को नेस्तनाबूत करके लगभग सौ आतंकवादियों को जहन्नूम रसीद क्यों करता। पी.चिदंबरम की तरह ही कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने भी सवाल उठाया है कि आतंकवादी कौन थे कहां से आये थे और कहां चले गये। इसका सरकार जवाब दे। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने तो और भी बड़ा बोल बेाला है उनका कहना है कि क्या आतंकवादी ऐयरलिफ्ट कर दिये गये हैं।
समाजवादी पार्टी के सुप्रिमो अखिलेश यादव ने भी इसी तरह का बयान दिया है। इससे स्पष्ट है कि विपक्ष संसद के मानसून सत्र में इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान अपना अलग ऐजेंडा चलायगा। जबकि सरकार चाहती है कि इस पर संसद में सार्थक चर्चा हो। किन्तु आज संसद शुरू होते ही फिर से विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया और उनके हंगामें के कारण प्रश्रकाल स्थगित करना पड़ा इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गहरी नाराजगी जताई
और कहा है कि जब सरकार आपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए तैयार है और इसके लिए लोकसभा में 16 घंटे का समय निर्धारित कर दिया गया है तो इसके बाद भी विपक्ष हंगामा करके सदन की कार्यवाही में अवरोध उत्पन्न क्यों कर रहा है। विपक्षी नेताओं के इन बयानों पर पलटवार करते हुए भाजपा के सांसद अनुराग ठाकुर ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस हमेश पाकिस्तान को बचाती रही है। बहरहाल बेहतर होगा कि सत्ता पक्ष और आरोप प्रत्यारोप से परे जाकर इस मुद्दे पर सार्थक बहस करें।