Operation Ganga : आपरेशन गंगा को लेकर राजनीति अनुचित

Operation Ganga : आपरेशन गंगा को लेकर राजनीति अनुचित

Operation Ganga: Politics unfair about Operation Ganga

Operation Ganga

Operation Ganga : यूक्रेन में फंसे हजारों छात्रों की स्वदेश वापसी के लिए भारत सरकार आपरेशन गंगा अभियान चला रही है। विपरित परिस्थितियों के बीच जबकि यूक्रेन में रूस लगातार बमबारी कर रहा है और मिसाईलें दाग रहा है ऐसी विकट स्थिति में वहां फंसे हजारों भारतीय छात्रों की यूके्रन से अन्य देशों तक लाने की संभावना शून्य होती जा रही है।

इसके बावजूद भारत सरकार अपनी ओर से हर संभव कोशिश कर रही है, चार मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ौसी देशों में तैनात किया गया है और भारतीय दुतावास लगातार उन छात्रों की वापसी के लिए प्रयास कर रहा है। ऐसी आपदा की घड़ी में कुछ विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने अपने लिए राजनीति करने का अवसर ढूंढ निकाला है और वे आपरेशन गंगा को लेकर सरकार पर निशाना साध रहे है।

चूंकि अभी भी उत्तर प्रदेश में दो चरणों का (Operation Ganga) मतदान शेष है इसलिए छात्रों की वापसी को लेकर राजनीति की जा रही है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तो यूक्रेन में एक छात्र की मौत के लिए केन्द्र सरकार के गैर जिम्मेदाराना रवैय्ये पर निशाना साधा है। कई और छुटभैय्ये नेता इस मुद्दे को लेकर अपना ज्ञान बघार रहे है और भारत की कुटनीति को असफल करार दे रहे है।

जबकि हकीकत यह है कि यूक्रेन और रूस के बीच जंग के हालात बनते ही यूक्रेन स्थित भारतीय दुतावास में 14 फरवरी को ही एडवाइजरी जारी कर दी थी और यूक्रेन में रहने वाले भारतीय छात्रों से अपील की थी कि वे वहां की राजधानी कीव में आ जाएं और वहां से 16, 17 और 18 फरवरी को भारत के लिए विशेष रूप से चलाई जा रही फ्लाईट पकड़कर स्वदेश लौट जाएं।

गौरतलब है कि कीव से भारत के लिए कोई सीधी फ्लाईट नहीं है लेकिन भारत सरकार ने यह विशेष व्यवस्था की थी किन्तु वहां रहने वाले अधिकांश छात्रों ने इस एडवाइजरी की अनदेखी की और वे यह मानकर चल रहे थे कि युद्ध नहंी होगा। कुछ छात्र ही भारत लौटे थे। इसी तरह 2०, 2१ व २२ फरवरी को भी भारतीय छात्रों के लिए वापसी की व्यवस्था की गई थी लेकिन सिर्फ २०० छात्र ही वापस लौटे थे। २३ फरवरी को यूक्रेन ने अपना एयरस्पेस बंद कर दिया।

इसके बाद अब भारतीय छात्रों को यूक्रेन से पड़ोसी देशों की सीमा तक जाना पड़ रहा है। यूक्रेन में तेजी से हालात बिगड़ रहे है, नतीजतन उनका यूक्रेन से बाहर निकल पाना भी मुश्किल हो रहा है। अब इसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठाहराना कहा तक उचित है। सरकार पर आरोप लगाने वाले विपक्षी नेताओं को यह नहीं भूलना चाहिए कि यूक्रेन में अमेरिका के ८००० नागरिक और खाड़ी देशों के १६००० छात्र तथा चीन सहित अन्य देशो के ५५,००० छात्र व नागरिक यूक्रेन में फंसे हुए है।

उनकी भी वहां से वापसी (Operation Ganga) नहीं हो पा रही है। भारत तो किसी हद तक अपने कुछ छात्रों को वापस ले भी आया है और अभी भी कोशिश कर रहा है। इस मुद्दे को लेकर राजनीति करना कतई उचित नहीं है, होना तो यह चाहिए कि इस काम में सभी पार्टियों को दलगत भावना से ऊपर उठकर सरकार का सहयोग और समर्थन करना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *