BJP Loksabha Election: 28 में से सिर्फ 4 टिकट BJP से; क्या लोकसभा में हटाए जाएंगे 4 मंत्री?
भाजपा ने 56 सीटों के लिए 28 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा
नई दिल्ली। BJP loksabha election: भाजपा ने आज चार राज्यों से 12 और उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की, चार और केंद्रीय मंत्रियों को राज्यसभा टिकट देने से इनकार कर दिया। इससे पहले बीजेपी ने 16 राज्यसभा सीटों के लिए नामों का ऐलान किया था। झारखंड की एक सीट पर अभी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गयी है।
सत्तारूढ़ भाजपा ने अब तक 56 सीटों के लिए 28 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है। सेवानिवृत्त होने वाले 28 सांसदों में से केवल चार को फिर से नामांकित किया गया है। बीजेपी ने महाराष्ट्र की छठी सीट के लिए उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है।
भाजपा नेतृत्व ने अपने कई मंत्रियों को टिकट देने से इनकार कर दिया। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया, मत्स्य पालन और पशुपालन मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला, केंद्रीय पर्यावरण और श्रम मंत्री भूपेन्द्र यादव (राजस्थान) और विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन (महाराष्ट्र) को टिकट नहीं दिया गया है।
भाजपा ने क्या संकेत दिया?
भाजपा ने राज्यसभा चुनाव के लिए धर्मेंद्र प्रधान और भूपेन्द्र यादव जैसे सात केंद्रीय मंत्रियों सहित कई वरिष्ठ नेताओं और सेवानिवृत्त राज्यसभा सदस्यों को दोबारा टिकट नहीं दिया। पार्टी के इस कदम को उनमें से कई को आगामी लोकसभा चुनाव में उतारने का संकेत माना जा रहा है।
राजनीतिक करियर का अंत?
जावड़ेकर और राणे का राजनीतिक करियर खत्म हो गया है या नहीं, इसका फैसला अप्रैल महीने में होने वाले लोकसभा चुनाव में ही होगा। यदि भाजपा नेता निर्णय लेते हैं, तो पुणे लोकसभा क्षेत्र से प्रकाश जावड़ेकर, रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग निर्वाचन क्षेत्र से नारायण राणे, जबकि डॉ. विनय सहस्रबुद्धे ठाणे सीट से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं।
मुंबई से विनोद तावड़े?
राज्यसभा सदस्यता के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े के नाम पर चर्चा हुई। अब चर्चा है कि क्या उन्हें मुंबई से लोकसभा चुनाव लडऩे का मौका मिलेगा। पीयूष गोयल को भी उत्तर या दक्षिण मुंबई सीट से लोकसभा चुनाव में उतारे जाने की संभावना है। ठाकरे गुट से अनिल देसाई, जबकि शरद पवार गुट से पवार की विश्वासपात्र वंदना चव्हाण को भी लोकसभा चुनाव लडऩे का मौका मिल सकता है।
जे.पी. गुजरात से नड्डा
राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर को राज्यसभा का टिकट नहीं दिया गया। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भाग्यशाली रहे कि उन्होंने ओडिशा से राज्यसभा का टिकट बरकरार रखा। सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन ने मध्य प्रदेश में भी अपनी सीट बरकरार रखी है। जे.पी. नड्डा को हिमाचल की बजाय गुजरात से मैदान में उतारा है।