पुरानी पेंशन योजना बनाम एकीकृत पेंशन योजना; किस प्लान में ज्यादा फायदा ? देखें विस्तृत जानकारी

पुरानी पेंशन योजना बनाम एकीकृत पेंशन योजना; किस प्लान में ज्यादा फायदा ? देखें विस्तृत जानकारी

Old Pension Scheme vs Integrated Pension Scheme; Which plan has more benefits? See detailed information

Old Pension Scheme vs Integrated Pension Scheme

-केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक नई पेंशन योजना शुरू की

नई दिल्ली। Old Pension Scheme vs Integrated Pension Scheme: केंद्र की मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना शुरू की है। इस योजना का नाम यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) है। इस पेंशन योजना के जरिये सरकार विपक्ष की पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बहाल करने की मांग को विफल करने की कोशिश कर रही है। इस नई योजना में न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) की कई कमियों को दूर कर दिया गया है।

यूपीएस सरकारी कर्मचारी को गारंटीशुदा पेंशन (Old Pension Scheme vs Integrated Pension Scheme) प्रदान करता है। यह उसके रोजगार के अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत होगा। 25 साल की सेवा पूरी करने वालों को ही सुनिश्चित पेंशन मिलेगी। इसके अलावा 10 साल तक नौकरी करने वालों को कम से कम 10,000 रुपये की निश्चित पेंशन मिलेगी। कर्मचारी की मृत्यु के बाद पेंशन का 60 प्रतिशत तुरंत परिवार को भुगतान किया जाएगा।

पुरानी पेंशन योजना और एकीकृत पेंशन योजना, कौन सी है ज्यादा फायदेमंद? यदि नई एकीकृत पेंशन योजना के लाभों को पुरानी पेंशन योजना के समान स्तर पर समझना है, तो 3 प्रमुख बिंदुओं की जांच करने की आवश्यकता है। इसमें पेंशन की गणना से लेकर पेंशन में कर्मचारी के योगदान तक सब कुछ शामिल है।

कर्मचारी योगदान:

यूपीएस में सरकार ने एनपीएस (Old Pension Scheme vs Integrated Pension Scheme) की तरह कर्मचारी योगदान बनाए रखा है। यूपीएस में कर्मचारियों को पहले की तरह अपने मूल वेतन का 10 फीसदी देना होगा, जबकि सरकार ने अपना योगदान 14 फीसदी से बढ़ाकर 18.5 फीसदी कर दिया है। इसके विपरीत, सरकार ओपीएस में पूरा योगदान देती है। पेंशन के नाम पर कर्मचारियों के वेतन से कोई पैसा नहीं काटा जाता है।

पेंशन की गणना:

ओपीएस में कर्मचारी को उसके अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलता है। यह उनके मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 50 फीसदी था। सरकार ने यूपीएस में इस प्रावधान में थोड़ा बदलाव किया है। अब कर्मचारी को 50 फीसदी सुनिश्चित पेंशन ही मिलेगी, लेकिन यह उसके आखिरी वेतन का 50 फीसदी नहीं बल्कि पिछले 12 महीने के मूल वेतन के औसत का 50 फीसदी होगा। कई बार सरकारी नौकरियों में कर्मचारियों को अंतिम समय में प्रमोशन मिल जाता है, जिससे उनकी अंतिम सैलरी अधिक हो जाती है और फिर पेंशन की गणना की जाती है, लेकिन यूपीएस में यह लाभ नहीं मिलेगा।

कर लाभ:

सरकार ने अभी तक यूपीएस में कर लाभ को स्पष्ट नहीं किया है। लेकिन, एनपीएस में पेंशन पर कराधान का प्रावधान है। एनपीएस में जब आप रिटायरमेंट के बाद अपना पैसा निकालते हैं तो इसका 60 फीसदी हिस्सा टैक्स फ्री होता है। सैलरी ब्रैकेट के मुताबिक 40 फीसदी रकम पर टैक्स देना होता था।

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