संपादकीय: परमाणु हथियारों की होड़ घातक
Nuclear arms race is deadly
Editorial: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि पाकिस्तान और इरान सहित कई देश परमाणु बम बनाने और उसका परीक्षण करने की गुपचुप तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में अब अमेरिका भी परमाण परीक्षण करने पर गंभीरतापूर्वक विचार कर रहा है। गौरतलब है कि ये वहीं डोनाल्ड ट्रंप हैं जो खुद को सीजफायर स्पेशलिस्ट के रूप में प्रचारित करते रहे हैं और शांति के नोबल पुरस्कार के लिए उन्होंने अपना दावा पेश किया था जिसका पूरी दुनिया में आतंकवाद का पर्याय बन चुके पाकिस्तान ने समर्थन किया था।
डोनाल्ड ट्रंप को शांति का नोबेल पुरस्कार तो नहीं मिला शायद यह कि वे अब परमाणु परीक्षण की बात करके पूरी दुनिया में परमाणु हथियारों की होड़ को बढ़ावा दे रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर भी आरोप लगाया है कि वहां परमाणु हथियार का परीक्षण करने की तैयारी चल रही है। डोनाल्ड ट्रंप के इस खुलासे का अभी तक पाकिस्तान ने खंडन नहीं किया है इससे स्पष्ट है कि पाकिस्तान में गुप्त रूप से परमाणु गतिविधियां चल रही हैं जो भारत के लिए चिंता का विषय है।
डोनाल्ड टं्रप के बयान के बाद भारतीय मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने एक पत्रकार वार्ता लेकर कहा है कि गुप्त और अवैध परमाणु गतिविधियां पाकिस्तान के इतिहास के अनुरूप है जो दशकों से चल रही तस्करी, निर्यात नियंत्रण से जुड़े उल्लंघनों और गुप्त साझेदारी पर आधरित है। इस मुद्दे पर भारत ने हमेशा अंतराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान पाकिस्तान के पीछले रिकॉर्डों और इन पहलुओं की तरफ आकर्षित किया था। अब खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड टं्रप ने इस बारे में टिप्पणी की है जिस पर भारत गौर कर रहा है। इस बीच भारत में भी परमाणु परीक्षण करने की मांग उठने लगी है।
गौरतलब है कि 1998 में तात्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की सरकार के कार्यकाल के दौरान भारत ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था उसके बाद भारत पर सीटीपीटी पर हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया गया था लेकिन भारत ने इससे इंकार कर दिया था। गौरतलब है कि सीटीपीटी पर अमेरिका, चीन और रूस ने भी हस्ताक्षर नहीं किये थे।
भारत ने उसी समय स्पष्ट कर दिया था कि हम परमाणु बम अपनी सुरक्षा के लिए बना रहे हैं और हमारी परमाणु नीति साफ है कि हम किसी भी देश पर पहले परमाणु हमला नहीं करेंगे। बहरहाल अमेरिका द्वारा परमाणु परीक्षण की बात कहने से एक बार फिर दुनिया में परमाणु हथियारों की होड़ लग सकती है जो पूरी दुनिया के लिए घातक सिद्ध होगी।
