Bhagavad Gita In Schools : अब विद्यालयों में प्रतिदिन गूंजेंगे श्रीमद्भगवतगीता के श्लोक

Bhagavad Gita In Schools
अब उत्तराखंड के स्कूलों में श्रीमद्भगवतगीता के श्लोक रोज प्रार्थना सभा में पढ़े जाएंगे। छात्रों को इनका वैज्ञानिक व नैतिक अर्थ भी सिखाया जाएगा।
देहरादून, 15 जुलाई। Bhagavad Gita In Schools : राजकीय विद्यालयों में अब प्रतिदिन प्रार्थना सभाओं में श्रीमद्भगवतगीता के श्लोक गूंजेंगे। इन श्लोक के वैज्ञानिक दृष्टिकोण के बारे में विद्यार्थियों को बताया जाएगा। प्रत्येक सप्ताह नैतिक व मूल्य आधारित शिक्षा से संबंधित श्लोक ‘सप्ताह का श्लोक’ घोषित होगा। विद्यालय के सूचना पट पर अर्थ सहित उसे लिखा जाएगा। शिक्षकों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के श्रीमद्भगवतगीता और रामायण को स्कूली शिक्षा के साथ पाठ्यक्रम में शामिल करने के निर्देशों को विभाग ने क्रियान्वित किया (Bhagavad Gita In Schools)है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में भारतीय ज्ञान परंपरा को विद्यालयी शिक्षा का अंग बनाने के दिशा-निर्देशों के अनुरूप पाठ्यक्रम में श्रीमद्भगवत और रामायण को शामिल किया गया है।
इसी क्रम में सोमवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने समस्त जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को श्रीमद्भगवतगीता के श्लोकों का अभ्यास कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को समय-समय पर श्लोकों की व्याख्या करनी (Bhagavad Gita In Schools)होगी। छात्र-छात्राओं को बताया जाएगा कि श्रीमद्भगवतगीता के सिद्धांत किस प्रकार मानवीय मूल्य, व्यवहार, नेतृत्व कौशल, निर्णय क्षमता, भावनात्मक संतुलन और विज्ञानी सोच विकसित करते हैं।
श्रीमदभगवतगीता में दिए गए उपदेश सांख्य, मनोविज्ञान, तर्कशास्त्र, व्यवहार विज्ञान एवं नैतिक दर्शन आधारित हैं, जो कि धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण से संपूर्ण मानवता के लिए उपयोगी है। विद्यालय स्तर पर यह भी सुनिश्चित करना (Bhagavad Gita In Schools)होगा कि छात्र-छात्राओं को श्रीमद्भगवतगीता के श्लोक केवल विषय या पठन सामग्री के रूप में न पढ़ाएं जाएं, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि इनका प्रभाव विद्यार्थियों के जीवन एवं व्यवहार में भी परिलक्षित हो।