पुस्तक घोटाला संलिप्त 5 डीईओ और कर्मचारियों को नोटिस
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जवाब नहीं देने पर एकतरफा कार्रवाई की डीपीआई ने दी चेतावनी
रायपुर। (Book scam in chhattisgarh) छत्तीसगढ़ में पुस्तक घोटाला मामले की जांच पूरी होने के बाद अब लोक शिक्षण संचालनालय एक्शन के मूड में है। घोटाले की जांच रिपोर्ट में संलिप्त पाए गए राजनांदगांव, सूरजपुर, धमतरी, जशपुर के जिले के शिक्षा अधिकारी और कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. साथ ही सभी से 7 दिन के भीतर जवाब मांगा है।
जारी नोटिस के मुताबिक, लोक शिक्षण संचालनालय ने सूरजपुर डीईओ राम ललित पटेल, राजनांदगांव तत्कालीन प्रभारी डीईओ अभय कुमार जायसवाल, जशपुर डीईओ प्रमोद कुमार भटनागर, राजनांदगांव तत्कालीन प्रभारी डीईओ आदित्य खरे( वर्तमान सहायक संचालक डीईओ कार्यालय राजनांदगांव) , धमतरी डीईओ टीआर जगदल्ले, सरोज खलखो सहायक संचालक कार्यालय जशपुर और अन्य जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के कर्मचारियों को नोटिस जारी हुआ है. इन सभी को नोटिस में कहा गया है सात दिन के अंदर जवाब नहीं देने पर एकतरफ़ा कार्रवाई की जाएगी।
जानिए क्या है मामला
रायपुर के सिलियारी स्थित पेपर मिल के कबाड़ में लाखों किताबें मिली थी। इनमें सरकार की ओर से प्रदेश के सभी स्कूलों में बांटी जाने वाली किताबें भी शामिल थी। सभी किताबें इसी सत्र की थी। इस मामले का उजागर पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने किया था। इस मामले को लेकर उपाध्याय ने फैक्ट्री के सामने धरना देकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार ने किताबें खरीदीं और बिना बांटे ही बेच दी। मामले में सियासत तेज होने के बाद सरकार ने अपर मुख्य सचिव रेणुपिल्ले को जांच की जिम्मेदारी दी थी. जांच करने के बाद रेणु पिल्ले ने 1045 पेज की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. जिसके बाद अब कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
पूर्व विधायक विकास ने कहा- छोटी मछलियों पर हो रही कार्रवाई
छत्तीसगढ़ के पाठ्यपुस्तक निगम घोटाले की जांच प्रक्रिया को लेकर पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने सवाल उठाये हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि घोटाले की जांच में संलिप्त छोटी मछलियों पर कार्रवाई हो रही है। भाजपा घोटाले को रोकने का प्रयास कर रही है. अब विकास उपाध्याय ने मामले को न्यायालय तक लेकर जाने की बात कही है।
पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने मामले की जांच प्रक्रिया को लेकर कहा कि बीजेपी की 14 महीने की सरकार से पहले इतना अधिक भ्रष्टाचार कभी नहीं हुआ. ये छोटी मछलीयां हैं जिनपर कार्रवाई हो रही, बड़े मगरमच्छ अभी बाकी है. हमने छापेमारी की और जांच समितियों के ऊपर सवाल भी उठाया था. मुख्य दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं।
रिपोर्ट पेश होने के बाद एक्शन शुरू
अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले ने पुस्तक घोटाले मामले में 1045 पेज की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी. अफसरों के साथ साठगांठ कर दो लाख की किताबें रद्दी में बेची गई थी. मामले में दोषी पाए गए 5 ष्ठश्वह्र और कर्मचारियों को नोटिस जारी कर दिया गया है।
जानिए पूरा मामला
गौतलब है कि रायपुर के सिलियारी स्थित पेपर मिल के कबाड़ में लाखों किताबें मिली थी. इनमें सरकार की ओर से प्रदेश के सभी स्कूलों में बांटी जाने वाली किताबें भी शामिल थी. सभी किताबें इसी सत्र की थी. इस मामले का उजागर पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने किया था. इस मामले को लेकर उपाध्याय ने फैक्ट्री के सामने धरना देकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार ने किताबें खरीदीं और बिना बांटे ही बेच दीं. मामले में सियासत तेज होने के बाद सरकार ने 5 सदस्यीय जांच कमेटी बनाई थी।