Nobel Peace Prize 2025 : 9 युद्ध रोकने का दावा करने वाले ट्रंप को झटका, वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो को मिला नोबेल शांति पुरस्कार

Nobel Peace Prize 2025 : 9 युद्ध रोकने का दावा करने वाले ट्रंप को झटका, वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो को मिला नोबेल शांति पुरस्कार

Nobel Peace Prize 2025

Nobel Peace Prize 2025 : नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने वर्ष 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize 2025) वेनेजुएला की प्रमुख लोकतंत्र समर्थक नेता मारिया कोरिना मचाडो को देने की घोषणा की है। उन्हें यह सम्मान अपने देश में तानाशाही शासन के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से लोकतंत्र की पुनर्स्थापना के लिए किए गए साहसिक प्रयासों के लिए प्रदान किया गया है।

समिति ने अपने बयान में कहा कि मचाडो ने वेनेजुएला के नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए अपने जीवन को जोखिम में डाला और असाधारण साहस का परिचय दिया। “उनका यह संघर्ष उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो दुनिया में स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के लिए लड़ रहे हैं,” समिति ने कहा।

ट्रंप की उम्मीदों को करारा झटका

इस निर्णय ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Nobel Peace Prize 2025) की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। ट्रंप बीते हफ्तों से दावा कर रहे थे कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान 9 युद्धों को रोककर विश्व शांति (Nobel Peace Prize 2025) में योगदान दिया था, इसलिए वे इस वर्ष के पुरस्कार के सबसे मजबूत दावेदार हैं।

हालांकि, नोबेल समिति के फैसले ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया है कि शांति का अर्थ सिर्फ युद्ध न रोकना नहीं, बल्कि लोकतंत्र और मानव गरिमा की रक्षा के लिए खड़ा होना भी है।

तानाशाही के खिलाफ जुझारू संघर्ष

मारिया कोरिना मचाडो (Nobel Peace Prize 2025) बीते एक साल से गुप्त स्थानों पर रहकर अपने देश में लोकतंत्र की आवाज बुलंद कर रही थीं। जान के खतरे और सरकारी दमन के बावजूद उन्होंने देश नहीं छोड़ा। समिति ने कहा — “उनका साहस लाखों वेनेजुएलावासियों के लिए आशा की किरण है। उन्होंने दिखाया कि सच्ची शांति भय से नहीं, बल्कि संकल्प से जन्म लेती है।”

‘लोकतंत्र की जीत’ का जश्न

वेनेजुएला की राजधानी काराकस में यह खबर मिलते ही जश्न का माहौल है। मचाडो के समर्थकों ने इसे “लोकतंत्र की जीत” बताया है। वहीं अंतरराष्ट्रीय (Nobel Peace Prize 2025) स्तर पर भी इस निर्णय की सराहना हो रही है। कई विश्लेषकों का मानना है कि यह पुरस्कार विश्व राजनीति में लोकतांत्रिक मूल्यों को फिर से केंद्र में लाने का संकेत है।

नोबेल शांति पुरस्कार समारोह दिसंबर 2025 में ओस्लो में आयोजित होगा, जहां मचाडो को यह सम्मान औपचारिक रूप से प्रदान किया जाएगा। “लोकतंत्र उन पर टिका है जो डर के बावजूद बोलने का साहस रखते हैं।” – नॉर्वेजियन नोबेल समिति

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