Nitin Gadkari Reaction : जब विकास पर गिरी सियासत की छाया…अनिरुद्ध सिंह राणा के व्यवहार से नाराज़ हुए नितिन गडकरी…हिमाचल की साख पर सवाल…

नई दिल्ली/शिमला, 1 जुलाई। Nitin Gadkari Reaction : हिमाचल प्रदेश में बुनियादी ढांचे के विकास से जुड़ी एक अत्यंत संवेदनशील घटना ने पूरे प्रशासनिक तंत्र और राजनीतिक वातावरण को झकझोर कर रख दिया है। राज्य के पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह राणा पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधिकारी अचल जिंदल के साथ कथित रूप से मारपीट का गंभीर आरोप सामने आया है। यह घटना 30 जून को भट्टाकुफर, शिमला में हुई, जहां मंत्री ने एक फोर-लेन परियोजना स्थल का दौरा किया था।

घटना की जानकारी सामने आते ही पूरे तंत्र में हलचल मच गई। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस पर गंभीर चिंता जताई और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री से व्यक्तिगत तौर पर बातचीत (Nitin Gadkari Reaction)की। गडकरी ने स्पष्ट कहा कि “लोक सेवा में लगे अधिकारियों पर हमला लोकतंत्र और संस्थागत व्यवस्था दोनों का अपमान है।”
एनएचएआई के चेयरमैन संतोष कुमार यादव ने भी प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर उच्चस्तरीय जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने यह भी संकेत दिया है कि यदि ऐसे मामलों पर सख्ती से कार्रवाई नहीं हुई, तो राज्य में चल रही महत्वपूर्ण राष्ट्रीय परियोजनाएं बाधित हो सकती हैं।
क्या हुआ था साइट पर?
NHAI अफसर अचल जिंदल और एक साइट इंजीनियर एक बैठक के लिए पहुंचे थे, जो एसडीएम द्वारा बुलाई गई थी। इसी दौरान मंत्री अनिरुद्ध सिंह राणा वहां पहुंचे और एक इमारत गिरने की घटना को लेकर जवाब-तलब (Nitin Gadkari Reaction)किया। जब अफसर ने तकनीकी एवं कानूनी सीमाओं का हवाला दिया, तो कथित रूप से मंत्री और उनके साथ आए लोगों ने अफसरों से बदसलूकी की और मारपीट की। जिंदल को चोटें आईं और उन्हें शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया।

सियासत बनाम सिस्टम
यह विवाद अब सिर्फ एक ‘घटना’ नहीं, बल्कि सिस्टम में शक्ति, शालीनता और संतुलन की परीक्षा बन गया है। जहाँ एक ओर केंद्र सरकार ने इस पर तत्काल रुख अपनाया है, वहीं राज्य सरकार पर भी निष्पक्ष जांच और कार्रवाई का दबाव बढ़ गया (Nitin Gadkari Reaction)है। नितिन गडकरी ने अपनी नाराजगी केवल शब्दों में नहीं, बल्कि स्पष्ट चेतावनी में व्यक्त की है कि यदि अफसरों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हुई तो हिमाचल में विकास की गति पर असर पड़ सकता है।