Nikita Roy Movie Review : ‘निकिता रॉय’ रिव्यू...डर के पीछे छिपी है एक सच्चाई...अंधविश्वास पर करारा वार...

Nikita Roy Movie Review : ‘निकिता रॉय’ रिव्यू…डर के पीछे छिपी है एक सच्चाई…अंधविश्वास पर करारा वार…

'Nikita Roy' Review: There is a truth hidden behind the fear

Nikita Roy Movie Review

कुश सिन्हा की ‘निकिता रॉय’ डर, रहस्य और सामाजिक सवालों से भरी एक थ्रिलर है जिसमें सोनाक्षी सिन्हा ने अपने करियर का सबसे गहन अभिनय किया है।

नई दिल्ली, 18 जुलाई| Nikita Roy Movie Review : डायरेक्टर कुश सिन्हा की पहली फिल्म ‘निकिता रॉय’ केवल डराने के लिए नहीं, सोचने पर मजबूर करने के लिए बनाई गई है। 116 मिनट की इस सुपरनैचुरल थ्रिलर में डर, रहस्य और सामाजिक सवालों की परतें बखूबी बुनी गई हैं — और सोनाक्षी सिन्हा इस फिल्म में अपने करियर की सबसे परिपक्व परफॉर्मेंस देती हैं।

कहानी जो डराती नहीं, धीरे-धीरे अंदर उतरती है

लंदन की पृष्ठभूमि पर आधारित इस कहानी में, तर्कवाद में विश्वास रखने वाला भाई-बहन की जोड़ी – सनल (अर्जुन रामपाल) और निकिता (सोनाक्षी सिन्हा) – झूठे अध्यात्म के खिलाफ लड़ रहे हैं। लेकिन जब सनल की रहस्यमयी मौत होती है, तो निकिता अपने संदेहों की जांच शुरू करती (Nikita Roy Movie Review)है।

कहानी धीरे-धीरे उस ‘अमरदेव’ (परेश रावल) तक पहुँचती है, जो खुद को एक आध्यात्मिक गुरु बताता है। पर क्या वो सिर्फ धोखेबाज़ है या वाकई कुछ अलौकिक ताकतों से जुड़ा है? यही सस्पेंस फिल्म की ताकत है।

अभिनय: सोनाक्षी की सबसे गंभीर भूमिका, परेश रावल का चुपचाप डराना

सोनाक्षी सिन्हा ने ‘निकिता’ के किरदार को दर्द, संशय और साहस के संतुलन के साथ निभाया है। ये उनकी अब तक की सबसे इन्टेंस एक्टिंग मानी जा सकती है।

परेश रावल अमरदेव के किरदार में अपने एक्सप्रेशन से ही डर खड़ा कर देते (Nikita Roy Movie Review)हैं। उनका हर सीन रहस्य से लिपटा लगता है।

सुहैल नैयर की मौजूदगी फिल्म को एक भावनात्मक गहराई देती है, लेकिन मुख्य कहानी से भटकने नहीं देती।

डायरेक्शन और तकनीकी पक्ष: कुश सिन्हा का सरप्राइज़ डेब्यू

कुश सिन्हा ने अपने डेब्यू में जो सबसे बड़ा रिस्क लिया – वो है “कम चीख-पुकार और ज़्यादा सस्पेंस”। नतीजा यह है कि हर सीन में सस्पेंस बना रहता है।

सिनेमेटोग्राफी शानदार है – कैमरा डर को उभारता है, ज़ाहिर नहीं करता।

स्क्रिप्ट में गहराई है और म्यूज़िक बैकग्राउंड में रहकर असर डालता है।

क्यों देखेंनिकिता रॉय’?

अगर आप डरावनी फिल्मों से ज़्यादा ‘दिमाग वाली थ्रिलर’ चाहते हैं

अगर आपको अंधविश्वास और तथाकथित गुरुओं की पोल खोलने वाली कहानियां पसंद (Nikita Roy Movie Review)हैं

और अगर आप सोनाक्षी सिन्हा को एक नए, गहन अवतार में देखना चाहते हैं

…तो ‘निकिता रॉय’ एक बेहतरीन सिनेमाई अनुभव है।

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