Next Chief Justice of India : जस्टिस सूर्यकांत भारत के अगले प्रधान न्यायाधीश नियुक्त, जस्टिस सूर्यकांत इस दिन पद ग्रहण करेंगे
Next Chief Justice of India
प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई के बाद सुप्रीम कोर्ट (Next Chief Justice of India) के वरिष्ठतम न्यायाधीश सूर्यकांत को भारत का अगला सीजेआइ नियुक्त किया गया है। जस्टिस सूर्यकांत वर्तमान प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई के सेवानिवृत्त होने के बाद उनकी जगह लेंगे। जस्टिस गवई 23 नवंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
जस्टिस सूर्यकांत 24 नवंबर को सीजेआइ पद की शपथ लेंगे और कार्यभार ग्रहण करेंगे। सीजेआइ के रूप में जस्टिस सूर्यकांत का कार्यकाल 14 महीने का होगा और वह नौ फरवरी 2027 को सेवानिवृत्त होंगे। जस्टिस सूर्यकांत जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने, पेगासस जासूसी मामले और बिहार एसआइआर सहित कई ऐतिहासिक फैसला देने वाली पीठों का हिस्सा रहे हैं।
केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने एक्स पर पोस्ट करके जस्टिस सूर्यकांत की नियुक्ति की जानकारी दी और उन्हें भारत का प्रधान न्यायाधीश (Next Chief Justice of India) नियुक्त होने पर हार्दिक बधाई दी है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने संविधान के अनुच्छेद 124 के खंड (2) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जस्टिस सूर्यकांत को 24 नवंबर, 2025 से भारत का प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किया है। इससे पहले निर्धारित परंपरा का पालन करते हुए सीजेआइ गवई ने जस्टिस सूर्यकांत को अगला प्रधान न्यायाधीश (Next Chief Justice of India) नियुक्त करने की सिफारिश की थी।
जस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी, 1962 को हरियाणा के हिसार जिले में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। वह एक छोटे से शहर के वकील से देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर पहुंचे हैं।
नौ जनवरी, 2004 को वह पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में स्थाई न्यायाधीश नियुक्त हुए। पांच अक्टूबर, 2018 को वह हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने और 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पद पर प्रोन्नत हुए।
जस्टिस सूर्यकांत उस पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने अंग्रेजों के समय के राजद्रोह कानून को फिलहाल टाले रखने और उस कानून में कोई भी नई एफआइआर नहीं दर्ज करने का आदेश दिया था।
बिहार एसआइआर मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ही कर रही है। इसी पीठ ने चुनाव आयोग को बिहार में प्रारूप मतदाता सूची से हटाए गए 65 लाख लोगों का ब्योरा देने को कहा था। यह मामला अभी लंबित है और मंगलवार को इस पर फिर सुनवाई होनी है।
विधेयकों पर निर्णय के बारे में राष्ट्रपति और राज्यपाल की शक्तियों से संबंधित प्रेसीडेंशियल रिफरेंस की सुनवाई पीठ में भी जस्टिस सूर्यकांत शामिल थे। इस मामले में आने वाले फैसले का सभी राज्यों पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। इस फैसले का बेसब्री से इंतजार हो रहा है, क्योंकि यह भारत की न्यायिक प्रक्रिया में (Next Chief Justice of India) की भूमिका को और सशक्त बना सकता है।
