New facility of RBI transaction आरबीआई लेन-देन की नई सुविधाः अब यूपीआई से पांच लाख तक के कर का होगा भुगतान
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा यूपीआई खासियतों के कारण भुगतान का पसंदीदा तरीका बन गया
मुंबई। Mumbai Business RBI Governor Shaktikanta Das Transaction New Facility UPI:देश में लेन-देन की नई सुविधा को जारी किया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) से लेन-देन को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए यूपीआई के जरिये कर भुगतान करने की सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा की और कहा कि यूपीआई अपनी खासियतों के कारण भुगतान का सबसे पसंदीदा तरीका बन गया है। वर्तमान में यूपीआई के लिए लेन-देन की सीमा एक लाख रुपये है। हालांकि रिजर्व बैंक ने समय-समय पर पूंजी बाजार, आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) सदस्यता, ऋण संग्रह, बीमा, चिकित्सा और शैक्षिक सेवाओं जैसी कुछ श्रेणियों के लिए यूपीआई लेनदेन सीमाओं की समीक्षा की है और उन्हें बढ़ाया है।
श्री दास ने कहा कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर भुगतान आम, नियमित और उच्च मूल्य के हैं। इसलिए, यूपीआई के माध्यम से कर भुगतान की सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये प्रति लेनदेन करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में आवश्यक निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे।
लेनदेन वाले ग्राहकों की संख्या 42.4 करोड़ पहुंची
आरबीआई गवर्नर ने बताया (Mumbai Business RBI Governor Shaktikanta Das Transaction New Facility UPI) कि यूपीआई से लेनदेन करने वाले ग्राहकों की संख्या 42.4 करोड़ पर पहुंच गई है। साथ ही यूपीआई से लेनदेन करने वालों की संख्या में और बढ़ोतरी होने की पूरी संभावना है। ऐसे में यूपीआई में ‘प्रत्यायोजित भुगतान शुरू करने का प्रस्ताव है। प्रत्यायोजित भुगतान एक व्यक्ति (प्राथमिक उपयोगकर्ता) को उनके बैंक खाते पर किसी अन्य व्यक्ति (द्वितीयक उपयोगकर्ता) के लिए यूपीआई लेन-देन सीमा निर्धारित करने की अनुमति देगा। इससे पूरे देश में डिजिटल भुगतान की पहुंच और उपयोग में वृद्धि होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में विस्तृत निर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगे।
निरंतर क्लीयरेंस में बदलने का प्रस्ताव
श्री दास ने बताया (Mumbai Business RBI Governor Shaktikanta Das Transaction New Facility UPI) कि चेक ट्रंकेशन प्रणाली (सीटीएस) वर्तमान में दो कार्य दिवसों तक के समाशोधन के साथ चेक क्लियर करता है। चेक क्लीयरेंस की दक्षता में सुधार करने और प्रतिभागियों के लिए निपटान जोखिम को कम करने तथा ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने के उद्देश्य से बैच प्रोसेसिंग के वर्तमान दृष्टिकोण से सीटीएस को ‘ऑन-रियलाइज़ेशन-सेटलमेंट के साथ निरंतर क्लीयरेंस में बदलने का प्रस्ताव है।
कुछ घंटे में हो जाएगा चेक पास
इसके तहत चेक को कुछ ही घंटों में स्कैन, प्रस्तुत और पास किया जाएगा तथा यह कार्य कारोबारी घंटों के दौरान निरंतर आधार पर किया जाएगा। समाशोधन चक्र वर्तमान टी+1 दिनों से घटकर कुछ घंटों का रह जाएगा। इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश शीघ्र ही जारी किए जाएंगे।