हिन्दुत्व के नए ब्रांड एम्बेसडर, सुशासन और सदाशयता की कसौटी पर साय

हिन्दुत्व के नए ब्रांड एम्बेसडर, सुशासन और सदाशयता की कसौटी पर साय

New brand ambassador of Hindutva, standing test of good governance and goodwill

CM vishnudev sai

यशवंत धोटे

तोंगपाल की धन्नो नायक को महतारी वंदन की राशि, पीएम आवास का पक्का मकान मिलने के बावजूद उसकी आंखों में इसलिए आंसू थे कि उसका 12 वीं पास लड़का तुलसी नायक मूक बधिर (उसके शब्दों में गूंगा) हैं, और रायपुर में रहना नहीं चाहता। धन्नों की आंखों के आंसू देख भावुक हुए सीएम साय की सदाशयता की यही परीक्षा की घड़ी थी। धन्नो को उनका जवाब था चिन्ता की बात नहीं बेटे की जिम्मेदारी अब हमारी है। सुकमा कलेक्टर देवेश ध्रुव को चौपाल में ही बता दिया गया कि बालक का बेहतर पुर्नवास होना चाहिए।

कमोबेश इसी तरह पांचवीं में पढऩे वाली फुलेश्वरी पुलिस बनना चाहती है। बिना किसी औपचारिकता के ग्रामीणों से चौपाल में बात कर रहे सीएम पूछ रहे हैं कि पहले तो आप अपना हाल चाल बताओं जी, यानि सरकार की योजनाओं का लाभ आप लोगों को मिल रहा है या नहीं। किसी योजना का लाभ किसी को नहीं मिल रहा हो तो वो भी बताओं। सुकमा जिले के तोंगपाल और बस्तर जिले के नारायण पाल के समाधान शिविरों में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जब ग्रामीणों से संवाद कर रहे थे तब बतौर दैनिक नवप्रदेश संपादक मैं भी उनके साथ था। देड़ साल पहले सुशासन के सूर्योदय की टेगलाईन के साथ सत्ता के मुखिया की शपथ लेने वाले साय पिछले देड़ माह में राज्य के तैतीस जिलों में बस यह देखने गए कि जो काम वे कर रहे है वह निचले स्तर तक पहुंच रहा है या नहीं।

शहर के पढ़े लिखे, खाए पिए, अघाए लोगों के लिए महतारी वंदन, पीएम आवास या नल से जल की बात इवेन्ट हो सकती हैं लेकिन ग्रामीण महिलाओं के लिए एक हजार रूपए महिना कितना महत्वपूर्ण हैं यह जानने के लिए आपको उनके पास ही जाना होगा। अपनी सरकार के कामकाज की कसौटी तौलने निकले सीएम साय के साथ नवप्रदेश दिन भर रहा। चूंकि साय का लम्बा राजनीतिक कैरियर है सो इस सुशासन तिहार के दरम्यान उन्हें अपने कई ऐसे पुराने संगी साथी भी मिले जो उनके साथ कभी पढ़े हो, विधायक, संासद या संगठन में रहे हो।


शुक्रवार की सुबह 11 बजे रायपुर की पुलिस लाईन से हेलीकाफ्टर के उड़ान भरते ही मुख्यमंत्री के साथ बैठे उनके प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह और सचिव डा. बसव राजू नें कुछ जरूरी फाइलों पर सीएम से साईन करवाए। सीएम कहीं भी रहे सरकारी कामकाज न रूके इसके लिए घन्टे दो घन्टे के लिए हेलीकाफ्टर भी चलता फिरता सीएम आफिस बन जाता हैं। इस दरम्यान सीएम को इतना भी याद रहा कि आज विधानसभा में मंत्रियों विधायकों के सचिवों, निजी सचिवों का प्रशिक्षण कार्यक्रम है उसमें किसी को भेजना हैं।

सीएम के निर्देश पर सचिव ड़ॉ बसव राजू ने उस प्रशिक्षण कार्यक्रम में निजी सचिवों को भेजने की व्यवस्था कर दी। उसके बाद शुरू हुई नवप्रदेश से बातचीत में सीएम साय ने न केवल यह माना, बल्कि नवप्रदेश से प्रतिप्रश्न किया कि जिनके घरो में गौरा गौरी की यानि शिव, पार्वती की पूजा होती हो, उन्हें आप क्या मानेेंंगे? स्वाभाविक तौर पर हिन्दु ही मानेंगे ना। तो मैने क्या गलत कहा? जिन आदिवासी घरों में किसी भी रूप में भगवान पूजे जाते है वो हिन्दु हैं और मैं अपने बयान पर कायम हूं। किसी समय पूरे देश में हिदुत्व के ब्रंाड एम्बेसडर रहे दिलीप सिंह जूदेव के साथ भाजपा में अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने वाले साय 2023 में भाजपा के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री थे।


अब उड़ीसा के मिलाकर दो हो गए है। लेकिन अब हिन्दुत्व के मुद्दे पर विष्णुदेव साय भाजपा के ब्रांड एम्बेडर है सो उन्होंने हाल ही में एक सभा में कहा था कि सभी आदिवासी हिन्दु हैं। उनके इस बयान के बाद वामधारा के कुछ संगठनों ने विरोध किया था। 25 साल पुराने राज्य की 32 फीसदी आदिवासी आबादी वाले राज्य निर्माण के पहले दिन से आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग होती रही हैं लेकिन साय का ‘दर्शन’ कहता है कि देर आए दुरूस्त आए, समय से पहले और भाग्य से अधिक कुछ नहीं मिलता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी की कसौटी पर खरा उतरने की गारन्टी दे सकता हूं।

सत्ता और सगंठन के तालमेल के सवाल पर साय कहते है कि मेरी राजनीति का मूल ही संगठन हैं मेरे प्रदेश भाजपाध्यक्ष रहते 15 साल मुख्यमंत्री रहे डा. रमन सिंह के साथ रहा तालमेल यह साबित करता है कि 2018 से 2023 में कांग्रेस की बम्पर जनादेश वाली सरकार को हमने सत्ता से बाहर कर भाजपा की धमाकेदार वापसी की। उत्सवधर्मी भाजपा के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री साय भाजपा के ‘तिहार’ के जवाब में कांंग्रेस की ‘न्याय’ की अवधारणा पर तंज कुछ इस तरह कसते है कि जब इतना ही ‘न्याय’ किया तो सत्ता से बाहर क्यो हो गए?

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