New Academic Session : लाल आतंक के चलते बंद हुए स्कूलों से सुनाई देगा शोर…
रायपुर/नवप्रदेश। New Academic Session : नए शैक्षणिक सत्र में अब उन स्कूलों से भी शोर सुनाई देगा, जिन्हें अब तक नक्सलियों के दहशत के कारण बंद करा दिया गया था। करीब 15 साल पहले नक्सलियों ने जिन 400 स्कूलों को विभिन्न कारणों से बंद करा दिया था, सरकार आज उन्हें खोलने जा रही है। समुदाय की मांग पर राज्य शासन की पहल पर नक्सल प्रभावित 4 जिलों में 260 स्कूलों को प्रारंभ करने का निर्णय लिया है।
16 जून को स्कूल प्रवेश उत्सव में CM करेंगे ऐलान
राज्य शासन द्वारा विगत वर्षों में नक्सल प्रभावित (New Academic Session) क्षेत्रों में विकासात्मक गतिविधियों पर फोकस करने की वजह से नक्सल गतिविधियां बैकफुट पर आ रही हैं। यहीं कारण है कि अब स्कूल खोलने की तैयारी हो रही है। इन स्कूलों को औपचारिक रूप से राज्य स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव के दौरान ही 16 जून को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से की जानी है। स्कूल शिक्षा विभाग ने नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा के कलेक्टरों को अपने स्तर पर तैयारियां पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टरों को जारी पत्र में कहा गया है कि शाला प्रवेश उत्सव के दिन 16 जून को जिले के किसी एक स्कूल का चयन कर वहां शाला प्रवेश उत्सव का मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया जाए।
कार्यक्रम ऑनलाइन प्रसारित
कार्यक्रम में जिले के प्रभारी मंत्री, जिला पंचायत अध्यक्ष, अन्य जनप्रतिनिधि और संबंधित अधिकारियों को आमंत्रित किया जाए। यह कार्यक्रम दो प्रकार से आयोजित किया जाए। मुख्यमंत्री की उपस्थिति में होने वाला कार्यक्रम ऑनलाइन प्रसारित किया जाएगा। जिसे जिले के संबंधित स्कूलों में प्रसारित करने की व्यवस्था की जाए। इसके तत्काल बाद जिला स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किया जाए।
नए स्कूलों में पहले दिन से ही पढ़ाई की पूरी व्यवस्था
शिक्षा विभाग ने कलेक्टरों से कहा है, जिन स्कूलों को समुदाय की मांग पर स्कूल खोला जा रहा है, वहां पहले दिवस से ही अध्यापन के लिए शिक्षकों की व्यवस्था की जाए। इन स्कूलों में शुरूआत से ही नियमित अध्यापन की व्यवस्था की जाए। इन स्कूलों में पहले से अध्यापन कार्य में सहयोग दे रहे विद्यादूतों की सेवाएं आगे भी यथावत् जारी रखी जाए।
इन क्षेत्रों में शालाएं पुनः संचालित (New Academic Session) हो रही हैं, वहां के बच्चों एवं पालकों में से मुख्यमंत्री के प्रति धन्यवाद ज्ञापन के लिए पूर्ण तैयारी कर एक बच्चे एक पालक का चयन कर लिया जाए। इस प्रकार पुनः खोले जाने वाली शालाओं में बच्चों की दर्ज संख्या में सुधार के लिए विशेष ध्यान देते हुए अभियान चलाया जाए। पूर्व प्राथमिक स्तर पर भी शत-प्रतिशत पंजीयन एवं उपस्थिति पर जोर दिया जाए, ताकि उसी स्तर से बच्चों का सीखना जारी रखा जा सके।